अब मैं चिराग पासवान की पार्टी से अलग हो गया हूं.
वहीं, जहानाबाद से चुनाव लड़ने के प्रश्न पर उन्होंने बोला कि इस पर निर्णय समर्थकों से बातचीत के बाद लेंगे.पूर्व एलजेपी आर के नेता ने बोला कि वह (चिराग पासवान) सोच सकते हैं कि मैं नीतीश कुमार से हाथ मिला लूंगा और एक बड़ी ताकत बन जाऊंगा. यह उनकी मानसिकता है. मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे धोखा दिया गया है. ये नहीं होना चाहिए था. चिराग पासवान के लिए भी अच्छा नहीं हुआ है. वो भले आज नहीं समझ रहे हैं. जो पिता तुल्य कहते थे, चाचा कहते थे वो ऐसा करेंगे? ये नहीं लगता था.
वहीं, अरुण कुमार के त्यागपत्र के बाद कई तरह के कयास भी लगाने प्रारंभ हो गए हैं. बोला जा रहा है कि किसी पार्टी से जहानाबाद से चुनाव लड़ सकते हैं या निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.