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बिहार के स्कूलों में मिड-डे मील को लेकर ACS सिद्धार्थ ने शिक्षकों को दी अहम जिम्मेदारी, पढ़ें पूरी डिटेल


संवाद 


बिहार में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में संचालित मिड-डे मील योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के सख्त आदेश दिए हैं. मिड-डे मील को बेहतर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसीएस डॉ.एस सिद्धार्थ ने बीते बुधवार (05 फरवरी) को खत जारी कर सभी जिला पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि हर स्कूल में मिड-डे मील वितरण के बाद एक प्रमाण पत्र तैयार किया जाए. इसमें मिड-डे मील के मेन्यू और बच्चों की संख्या की जानकारी हो. इस पर स्कूल के हेडमास्टर, प्रधान शिक्षक और स्कूल के अन्य शिक्षकों को हस्ताक्षर करने होंगे.मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार, रोजाना मिड-डे मील परोसने के बाद हेडमास्टर और स्कूल में मौजूद शिक्षकों को एक प्रमाण पत्र पर साइन करने होंगे. जिसमें बच्चों के भोजन की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति और किसी भी असहमति का ब्योरा देना होगा. 

प्रमाण पत्र में संबंधित तिथि के मिड-डे मील भोजन की सामग्री बिल के साथ निरंतर विद्यालय में संरक्षित रखी जाएगी. 

वहीं स्वयं सेवी संस्थाओं के द्वारा संचालित मिड-डे मील के संदर्भ में संबंधित विद्यालयों से पूरे महीने का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा संबंधित स्वयं सेवी संस्थाओं को भुगतान किया जाएगा. उक्त प्रमाण-पत्र की प्रति सभी विद्यालयों में भी संबंधित तिथि के अनुसार संरक्षित कर रखी जाएगी. यदि किसी तारीख को संचालित मिड-डे मील की गुणवत्ता, मात्रा या बच्चों की संख्या से कोई शिक्षक असहमत है तो अपनी असहमति का कारण भी उक्त प्रमाण-पत्र पर अंकित करेगा. उक्त प्रमाण-पत्र पर उपस्थित सभी शिक्षकों का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा. यदि कोई शिक्षक हस्ताक्षर अंकित नहीं करता है तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा.आदेश में सख्त निर्देश दिया गया है कि मिड-डे मील योजना से संबंधित प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से प्रतिदिन तैयार किया जाए ताकि बच्चों को इस योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके. इस प्रमाण पत्र के बिना मिड-डे मील योजना का कोई विपत्र मान्य नहीं होगा. इसे अत्यावश्यक समझा जाए.


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