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बिहार में DCLR को हटाकर अंचल अधिकारियों को मिला जमाबंदी अनलॉक करने का हक, पढ़ें वजह?


संवाद 

बिहार में पिछले 6 महीने से भूमि सर्वे का कार्य चल रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सभी जमीनों का डिजिटाइजेशन कर रही है. लेकिन डिजिटाइजेशन के क्रम में हुई त्रुटियों के वजह से लॉक की गई जमाबंदी को अनलॉक करने के लिए अब विभाग ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है. जिसमें जमाबंदी की वैधता की जांच और उसे लॉक/अनलॉक करने की शक्ति अब भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (DCLR ) से हटाकर अंचल अधिकारियों यानी सीओ को दे दिया गया है. पहले से यह अधिकार भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को दिया गया था परन्तु DCLR के कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण विभाग ने यह फैसला लिया है. इस संबंध में निदेशक, चकबंदी द्वारा सभी समाहर्ताओं को खत लिखकर सूचित किया गया है. इसमे लॉक जमाबंदी में सरकारी भूमि सम्मिलित होने पर अंचल अधिकारी द्वारा अभिलेख खोलकर उसकी जांच की जाएगी. सरकारी भूमि पाए जाने पर संबंधित पक्ष को नोटिस निर्गत कर और उसे उचित अवसर प्रदान करते हुए उसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. 

जांच के क्रम में सरकारी भूमि को छोड़कर जो भी रैयती भूमि की जमाबंदी काफी अरसे से लॉक है

 उसको सीओ द्वारा अनलॉक करने की कार्रवाई की जाएगी.विभागीय समीक्षा में पाया गया कि लंबे वक्त से यह प्रक्रिया जारी रहने के बावजूद डिजिटाइजेशन के दौरान छूटी हुई जमाबंदी की वैधता की जांच उसे लॉक/अनलॉक करने की कार्रवाई नहीं की जा रही है. विभागीय बैठकों में भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा बताया गया कि रैयती भूमि के जमाबंदी सृजन का साक्ष्य अंचलों द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के वजह से उन्हें फैसला लेने में परेशानी हो रही है. पहले भी इस संबंध में एक पत्र चकबंदी निदेशक द्वारा सभी जिला पदाधिकारियों को लिखा गया था. पत्र में कहा गया कि लॉक जमाबंदी की जांच के क्रम में रैयती भूमि का मामला पाया जाता है तो उसे अनलॉक करने की कार्रवाई करके उसकी सूची मौजावार पोर्टल पर प्रदर्शित की जाए.डिजिटाइजेशन के क्रम में कुछ जमाबंदियों रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकवा एवं लगान से संबंधित विवरणों में अशुद्धियां रह गई थीं. अनेक रैयतों की जमाबंदी भी ऑनलाइन नहीं की जा सकी थी. बाद में शिकायत मिली कि अंचलों में ऐसी छूटी जमाबंदियों को गलत तरीके से पंजी-2 में जमाबंदी कायम कर दिया गया और फिर उसे ऑनलाइन कर दिया गया. इस तरह की 9.65 लाख जमाबंदियों को छूटा हुआ बताकर ऑनलाइन कर दिया गया था.राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बोला कि लगभग 10 लाख जमाबंदियों को संदेहास्पद पाया गया था. जांच में तेजी लाने के लिए इस काम को भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से लेकर अंचल अधिकारियों को दिया गया है. साथ ही उन्हें रैयती भूमि की जांच कर उन जमाबंदियों को शीघ्र अनलॉक करने का आदेश दिया गया है ताकि आमलोगों को दाखिल-खारिज के काम में कोई असुविधा न हो.


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