संवाद
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद आखिरकार पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति महसूस करते हुए स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आईं। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी सफलतापूर्वक वापस लौटे। यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
कैसे हुआ था मिशन का आरंभ?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में नासा और बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए एक हफ्ते के मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गए थे। लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें 286 दिन तक स्पेस में रहना पड़ा। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए और आईएसएस पर अनुसंधान कार्यों में भाग लिया।
सफल लैंडिंग और स्वास्थ्य परीक्षण
18 मार्च 2025 को फ्लोरिडा तट के पास महासागर में उनकी सफल लैंडिंग हुई। इसके बाद उन्हें प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच के लिए भेजा गया, जहां डॉक्टर उनकी गुरुत्वाकर्षण के अनुकूलन की निगरानी कर रहे हैं। कुछ दिनों के अंदर वे क्रू-9 टीम के साथ ह्यूस्टन के लिए रवाना होंगी।
अंतरिक्ष अनुसंधान में नया अध्याय
इस मिशन ने न केवल अंतरिक्ष यात्रियों की धैर्य और समर्पण को दर्शाया है, बल्कि भविष्य में लंबे अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई संभावनाएं भी खोली हैं। नासा और स्पेसएक्स की यह सफलता आने वाले समय में मंगल और अन्य ग्रहों की खोज में मददगार साबित हो सकती है।
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