रोहित कुमार सोनू
होली खुशियों और रंगों का त्योहार है, लेकिन केमिकल युक्त रंग हमारी त्वचा, बालों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में इस बार होली को प्राकृतिक रंगों के साथ खेलें, जो न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। आइए जानते हैं घर पर ही नैचुरल रंग कैसे बनाए जा सकते हैं।
घर पर ऐसे बनाएं प्राकृतिक रंग
1. लाल रंग
✅ चुकंदर पाउडर: चुकंदर को सुखाकर और पीसकर बनाया जा सकता है।
✅ हिबिस्कस (गुड़हल) फूल: गुड़हल के सूखे फूलों को पीसकर लाल रंग तैयार करें।
✅ कुमकुम और हल्दी: हल्दी में थोड़ा सा चूना मिलाकर भी लाल रंग पाया जा सकता है।
2. पीला रंग
✅ हल्दी: बेसन या आटे में हल्दी मिलाकर पीला रंग बनाया जा सकता है।
✅ गेंदे के फूल: गेंदे के फूलों को पीसकर सूखा या गीला रंग तैयार किया जा सकता है।
3. हरा रंग
✅ मेहंदी: सूखी मेहंदी का पाउडर हरे रंग के लिए बेहतरीन विकल्प है।
✅ पालक और पुदीना: इन्हें पीसकर हरा गीला रंग बनाया जा सकता है।
4. नीला रंग
✅ नीलकमल (ब्लू जैस्मिन) फूल: इन फूलों को सुखाकर पीसने से हल्का नीला रंग मिलता है।
✅ जामुन: जामुन के रस से नीला या बैंगनी रंग बनाया जा सकता है।
5. गुलाबी और बैंगनी रंग
✅ चुकंदर: इसका रस पानी में मिलाकर गीला रंग बनाया जा सकता है।
✅ जामुन और गुलाब: इनका मिश्रण एक खूबसूरत गुलाबी रंग देता है।
प्राकृतिक रंगों से होली खेलने के फायदे
✔ स्किन फ्रेंडली: नैचुरल रंग त्वचा और आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
✔ बालों को सुरक्षित रखते हैं: ये बालों को रूखा नहीं बनाते, बल्कि उन्हें पोषण देते हैं।
✔ पर्यावरण के अनुकूल: ये रंग पानी में घुलकर आसानी से मिट्टी में मिल जाते हैं और जलस्रोतों को प्रदूषित नहीं करते।
✔ बच्चों के लिए सुरक्षित: छोटे बच्चों के लिए भी यह रंग पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
कैसे करें प्राकृतिक रंगों का सही उपयोग?
रंग लगाने से पहले त्वचा पर नारियल या सरसों का तेल लगाएं, ताकि रंग आसानी से निकल जाए।
आंखों और मुंह में रंग जाने से बचें।
पानी बचाने के लिए सूखी होली खेलने की कोशिश करें।
इस्तेमाल किए गए फूलों और रंगों को खाद के रूप में उपयोग करें।
इस बार होली को और भी खास बनाएं, केमिकल रंगों से बचें और प्राकृतिक रंगों के साथ अपने और पर्यावरण दोनों का ख्याल रखें।
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