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उत्तर प्रदेश की होली – जब रंग, भक्ति और परंपरा का संगम होता है!

संवाद 

होली का असली रंग अगर देखना हो, तो उत्तर प्रदेश से बेहतर कोई जगह नहीं। यह त्योहार यहाँ सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि भक्ति, संगीत, पकवान और संस्कृति का उत्सव भी है। मिथिला हिन्दी न्यूज आपको उत्तर प्रदेश की होली के उन खास रंगों से रूबरू करवा रहा है, जो इसे पूरे देश में सबसे अलग बनाते हैं।

1. ब्रज की होली – राधा-कृष्ण के प्रेम से सराबोर

उत्तर प्रदेश में मथुरा-वृंदावन की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने यहाँ गोपियों संग होली खेली थी, इसलिए इसे "ब्रज की होली" कहा जाता है।

लठमार होली (बरसाना और नंदगांव): बरसाना में महिलाएं लाठियों से पुरुषों को हल्के-फुल्के अंदाज में पीटती हैं और पुरुष बचने की कोशिश करते हैं।

फूलों की होली (बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन): यहां रंगों की जगह फूलों की वर्षा होती है, जिससे भक्तों का मन भक्तिरस से भर जाता है।

गुलाल की होली (द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा): यहाँ होली गुलाल और भजन-कीर्तन के साथ खेली जाती है।


2. काशी की अघोरी होली – महादेव के भक्तों की अनोखी परंपरा

वाराणसी में अघोरी साधुओं की "चिता भस्म होली" देखने लायक होती है। बाबा महादेव के भक्त श्मशान में चिता भस्म लगाकर अनोखे अंदाज में होली खेलते हैं। यह परंपरा जीवन और मृत्यु के चक्र को दर्शाती है।

3. अवध की नवाबी होली – तहजीब और रंगों का अनोखा मेल

लखनऊ और अवध क्षेत्र की होली में नवाबी अंदाज देखने को मिलता है। यहाँ गजल, कव्वाली, ठंडाई और मीठे पकवानों के साथ होली खेली जाती है। "होली मिलन समारोह" का आयोजन कर लोग आपसी प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देते हैं।

4. कानपुर की होली – रंग, मस्ती और हुलियारों का जलवा

कानपुर की होली में गंगा मेले का खास महत्व है। यहाँ हुलियार (होली के मस्ताने) ढोल-नगाड़ों के साथ सड़कों पर उतरते हैं और पूरे शहर में जश्न मनाया जाता है।

5. भोजपुरी अंदाज में होली – जब संगीत और मस्ती हो चरम पर

पूरवांचल और भोजपुरी इलाके की होली बिना भोजपुरी होली गीतों के अधूरी है।

पवन सिंह, खेसारी लाल यादव और मनोज तिवारी के गानों पर लोग झूमते हैं।

"फगुआ" (होली के लोकगीत) गाकर लोग मस्ती में डूब जाते हैं।

गाँवों में महफिलें जमती हैं, भांग-ठंडाई और गुजिया का आनंद लिया जाता है।


6. राजघरानों की होली – शाही अंदाज में जश्न

प्रयागराज और वाराणसी के पुराने राजघराने अब भी पारंपरिक होली मनाते हैं। यहाँ संगीत, रंग और स्वादिष्ट व्यंजनों का खास महत्व होता है।

7. राजनीतिक होली – जब नेता भी रंगों में डूब जाते हैं

उत्तर प्रदेश की होली राजनीति से भी जुड़ी होती है। लखनऊ, वाराणसी और कानपुर में बड़े नेता अपने समर्थकों संग होली खेलते हैं और अनोखे अंदाज में जनता से जुड़ते हैं।

8. पकवानों की मिठास – स्वाद भी उतना ही रंगीन

उत्तर प्रदेश की होली सिर्फ रंगों की नहीं, बल्कि स्वाद की भी होली होती है। यहाँ के कुछ मशहूर पकवान:

गुजिया और दही-बड़ा

मालपुआ और पूआ

भांग की ठंडाई

मसालेदार पापड़ और आलू के चिप्स



उत्तर प्रदेश की होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्सव है। मिथिला हिन्दी न्यूज आपको इस होली की शुभकामनाएँ देता है! इस बार होली के असली रंगों का आनंद लेने के लिए उत्तर प्रदेश जरूर जाएँ और वहाँ के अनोखे अंदाज में रंग जाएँ!


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