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हवाई जहाज को रास्ते का पता कैसे चलता है?

संवाद 

जब भी हम हवाई यात्रा करते हैं, हमारे मन में यह सवाल जरूर आता है कि पायलट को यह कैसे पता चलता है कि जहाज को कौन-सा रास्ता लेना है? आखिरकार, आकाश में कोई सड़कें या साइनबोर्ड तो नहीं होते! लेकिन आधुनिक तकनीक की मदद से हवाई जहाज अपने गंतव्य तक बिल्कुल सही दिशा में पहुंचते हैं। आइए समझते हैं कि यह पूरा सिस्टम कैसे काम करता है।


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1. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) गाइड करता है

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) वह संगठन है जो हवाई जहाजों को उड़ान भरने से लेकर लैंडिंग तक मार्गदर्शन करता है।

ATC के पास रडार और संचार प्रणाली होती है, जिससे वह पायलट को दिशा और ऊँचाई बनाए रखने के लिए निर्देश देता है।

ATC यह भी सुनिश्चित करता है कि कोई हवाई जहाज टकराए नहीं और सभी सही रास्ते पर रहें।



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2. GPS और नेविगेशन सिस्टम

आज के आधुनिक हवाई जहाजों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) और अन्य नेविगेशन सिस्टम लगे होते हैं।

GPS सैटेलाइट की मदद से जहाज की सटीक लोकेशन बताता है।

यह सिस्टम पायलट को बताता है कि वह कहां है और किस दिशा में उड़ान भरनी है।

ऑटो-पायलट मोड में GPS के जरिए ही हवाई जहाज अपने तय रास्ते पर बना रहता है।



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3. रेडियो सिग्नल और VOR तकनीक

VOR (Very High Frequency Omnidirectional Range) एक खास रेडियो सिग्नल प्रणाली है, जो हवाई जहाज को दिशा बताने का काम करती है।

धरती पर कई VOR स्टेशन होते हैं, जो हवाई जहाजों को रेडियो सिग्नल भेजते हैं।

पायलट इन सिग्नलों की मदद से अपनी स्थिति और सही रास्ते का पता लगाते हैं।

पुराने समय में यह प्रणाली अधिक इस्तेमाल होती थी, लेकिन अब GPS ज्यादा भरोसेमंद हो गया है।



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4. फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम (FMS)

हवाई जहाजों में फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम (FMS) नामक एक कंप्यूटर लगा होता है, जो उड़ान के दौरान रास्ते की निगरानी करता है।

यह सिस्टम उड़ान के दौरान ऊँचाई, ईंधन की खपत, और गति को नियंत्रित करता है।

FMS से जुड़ी स्क्रीन पर पायलट को पूरा रास्ता दिखाया जाता है।



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5. ऑटो-पायलट कैसे काम करता है?

ज्यादातर लंबी दूरी की उड़ानों में ऑटो-पायलट का इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें पायलट उड़ान से पहले ही पूरा रूट सेट कर देता है।

GPS और कंप्यूटर की मदद से हवाई जहाज अपने तय रास्ते पर खुद उड़ता रहता है।

हालांकि, पायलट पूरे समय सतर्क रहते हैं और जरूरत पड़ने पर मैन्युअली कंट्रोल लेते हैं।



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6. बादलों और खराब मौसम में रास्ता कैसे पता चलता है?

जब हवाई जहाज बादलों के बीच होता है या खराब मौसम में उड़ता है, तो उसे रास्ता नहीं दिखता। ऐसे में यह तकनीक मदद करती है:

रडार सिस्टम: यह मौसम की जानकारी देता है और खतरनाक तूफानों से बचने में मदद करता है।

ILS (Instrument Landing System): यह तकनीक हवाई जहाज को कम दृश्यता में सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद करती है।



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7. हवाई जहाज एक तय रास्ते पर ही क्यों उड़ते हैं?

हवा में भी हवाई मार्ग (Air Routes) बने होते हैं, जो एक अदृश्य सड़क की तरह काम करते हैं।

ATC और GPS की मदद से जहाज इन्हीं रास्तों पर उड़ते हैं, ताकि हवाई यातायात नियंत्रित रहे और दुर्घटनाएं न हों।


हवाई जहाज को रास्ता बताने के लिए कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। GPS, ATC, रडार, ऑटो-पायलट और रेडियो सिग्नल जैसी सुविधाओं के कारण पायलट को सही दिशा का पता चलता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

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