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पिता करते हैं मजदूरी, बेटी बनी बिहार टॉपर, जानें अंशु की सफलता की कहानी


संवाद 

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं और इस बार अंशु कुमारी ने टॉप करके पूरे राज्य में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया है। अंशु के पिता एक मजदूर हैं, लेकिन उनकी बेटी ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के दम पर यह मुकाम हासिल किया।

कैसे हासिल की सफलता?

अंशु कुमारी, जो कि [जिले का नाम] की रहने वाली हैं, ने [कुल अंक] अंक प्राप्त कर पूरे बिहार में पहला स्थान हासिल किया है। संसाधनों की कमी के बावजूद अंशु ने अपने सपनों को मरने नहीं दिया और कठिन परिश्रम के बल पर सफलता पाई।

दैनिक संघर्ष और पढ़ाई का जुनून

अंशु के पिता [पिता का नाम] दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। बावजूद इसके, उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। अंशु को कई बार बिजली कटौती और किताबों की कमी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार नहीं मानी।

अंशु की सफलता का मंत्र

1. रोजाना 8-10 घंटे पढ़ाई


2. स्कूल और ट्यूशन से मिले नोट्स का पूरा इस्तेमाल


3. समय प्रबंधन और रिवीजन पर जोर


4. मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी



क्या कहती हैं अंशु?

अपनी सफलता पर अंशु कहती हैं,
"मेरे माता-पिता की मेहनत और सपोर्ट के बिना यह संभव नहीं था। मैं आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं और अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करना चाहती हूं।"

सरकार से मिलेगा इनाम

बिहार सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से अंशु को नकद इनाम, लैपटॉप और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।

अंशु की यह कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किल हालातों में भी अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं।

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