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अंतरिक्ष यात्री सफेद रंग का सूट क्यों पहनते हैं? जानिए इसका विज्ञान

रोहित कुमार सोनू 

जब भी हम अंतरिक्ष यात्रियों को देखते हैं, वे हमेशा सफेद रंग का एक विशेष सूट पहने होते हैं। यह सिर्फ एक यूनिफॉर्म नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी उपकरण होता है। यह सूट अंतरिक्ष के कठोर वातावरण में हवा के दबाव को मेंटेन करता है, साथ ही उन्हें कई अन्य घातक स्थितियों से भी बचाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि अंतरिक्ष यात्री सफेद रंग का ही सूट क्यों पहनते हैं और यह कैसे काम करता है।


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अंतरिक्ष में विशेष सूट की आवश्यकता क्यों होती है?

अंतरिक्ष एक शून्य-दाब (Vacuum) वाला वातावरण है, जहां न तो हवा होती है और न ही तापमान को स्थिर बनाए रखने वाली कोई प्रणाली। वहां अत्यधिक ठंड (-250°C तक) और अत्यधिक गर्मी (+120°C तक) हो सकती है। इसके अलावा, घातक सौर विकिरण और सूक्ष्म उल्काओं (Micrometeoroids) का भी खतरा रहता है।

इसलिए, अंतरिक्ष यात्रियों को एक ऐसे सूट की जरूरत होती है जो:
✅ हवा के दबाव को बनाए रखे – ताकि खून में बुलबुले न बनें और शरीर सामान्य रूप से कार्य कर सके।
✅ अत्यधिक ठंड और गर्मी से बचाए – क्योंकि अंतरिक्ष में तापमान बहुत तेजी से बदलता है।
✅ सौर विकिरण से सुरक्षा प्रदान करे – क्योंकि वहां कोई वायुमंडल नहीं होता जो विकिरण को रोक सके।
✅ उल्कापिंडों से बचाए – क्योंकि अंतरिक्ष में बहुत तेज गति से चलने वाले छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं।


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अंतरिक्ष सूट का डिजाइन और इसके मुख्य भाग

अंतरिक्ष सूट सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन समर्थन प्रणाली (Life Support System) है। यह कई परतों से बना होता है, जिनमें विशेष सामग्री शामिल होती हैं।

मुख्य भाग:

1. ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम: अंतरिक्ष में सांस लेने के लिए सूट में ऑक्सीजन की व्यवस्था होती है।


2. दबाव नियंत्रण प्रणाली: यह सूट के अंदर वायु दाब को बनाए रखती है, ताकि खून में गैस के बुलबुले न बनें।


3. थर्मल कंट्रोल सिस्टम: यह शरीर के तापमान को संतुलित रखता है, ताकि यात्री को ठंड या गर्मी से खतरा न हो।


4. रेडिएशन शील्डिंग: सौर विकिरण से बचाने के लिए सूट में विशेष सुरक्षात्मक परतें होती हैं।


5. कम्युनिकेशन सिस्टम: हेलमेट में एक इंटरकॉम सिस्टम होता है, जिससे अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी या स्पेसक्राफ्ट से संपर्क कर सकते हैं।


6. ग्लव्स और बूट्स: ये विशेष सामग्री से बने होते हैं, ताकि अंतरिक्ष यात्री आराम से काम कर सकें और अपने हाथों व पैरों को सुरक्षित रख सकें।




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अंतरिक्ष यात्री सफेद रंग का सूट ही क्यों पहनते हैं?

1. गर्मी परावर्तित करने के लिए:
सफेद रंग सूरज की रोशनी को परावर्तित करता है, जिससे सूट अत्यधिक गर्म नहीं होता। अगर सूट काले या गहरे रंग का होता, तो यह ज्यादा गर्मी सोख लेता और अंतरिक्ष यात्री के लिए खतरा बढ़ जाता।


2. स्पेस में आसानी से दिखने के लिए:
अंतरिक्ष काला और अंधकारमय होता है। सफेद सूट पहनने से अंतरिक्ष यात्री आसानी से पहचाने जा सकते हैं, खासकर जब वे स्पेसवॉक कर रहे होते हैं।


3. चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर सुरक्षा के लिए:
जब अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर गए थे, तब भी सफेद सूट पहना गया था। चंद्रमा की सतह पर सीधा सूर्य प्रकाश पड़ता है, जिससे सफेद रंग यात्रियों को ठंडा रखता है।




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क्या अंतरिक्ष यात्रियों के सूट का रंग कभी बदलता है?

अंतरिक्ष में जाने से पहले, जब अंतरिक्ष यात्री स्पेसशिप के अंदर होते हैं, तो वे नारंगी रंग का सूट (Launch and Entry Suit) पहनते हैं।

लेकिन जब वे स्पेस में बाहर निकलते हैं, तो वे हमेशा सफेद रंग का स्पेससूट पहनते हैं।
अंतरिक्ष यात्री का सफेद रंग का विशेष सूट सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सुरक्षा कवच होता है। यह हवा के दबाव को बनाए रखने, विकिरण से बचाने और तापमान संतुलन में मदद करता है। सफेद रंग विशेष रूप से इसलिए चुना जाता है क्योंकि यह गर्मी को परावर्तित करता है और अंतरिक्ष में यात्री को आसानी से पहचानने में मदद करता है।

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