पटना। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना को अब और प्रभावी बनाने की तैयारी है। इस योजना के तहत अब जीविका समूहों की भी मदद ली जाएगी ताकि नीरा उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके।
सरकार द्वारा यह तय किया गया है कि ताड़ के पेड़ों से नीरा निकालने वाले टैपरों और पेड़ों के मालिकों का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस प्रक्रिया में जीविका समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि टैपरों और पेड़ मालिकों को योजनाबद्ध रूप से जोड़ा जा सके।
क्या होंगे लाभ?
नीरा संग्रहण की मॉनिटरिंग होगी जिससे गुणवत्ता और मात्रा दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी।
इससे नीरा की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और टैपरों की आय में भी वृद्धि होगी।
योजना से गांवों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
सरकार का मानना है कि इस पहल से स्थानीय स्तर पर आर्थिक मजबूती आएगी और ताड़ी उद्योग को वैकल्पिक व आधुनिक पहचान मिलेगी।