बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या इतनी तेज गर्मी से भूकंप आने की संभावना बढ़ सकती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम यानी गर्मी, ठंड या बारिश का भूकंप से कोई सीधा संबंध नहीं होता। भूकंप पृथ्वी के भीतर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से आता है, जबकि गर्मी पृथ्वी की सतह पर वायुमंडलीय बदलाव का नतीजा होती है। इस कारण चाहे तापमान कितना भी बढ़ जाए, उससे भूकंप का खतरा नहीं बढ़ता।
हाँ, कुछ अपवादस्वरूप वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर किसी इलाके में बहुत बड़े स्तर पर बर्फ पिघलने या अत्यधिक बारिश से भूगर्भीय दबाव बदलता है, तो भू-स्खलन या बहुत हल्की भूगर्भीय गतिविधि हो सकती है। लेकिन सामान्य तौर पर गर्मी से बड़े भूकंप का कोई रिश्ता नहीं है।
बिहार भूगर्भीय लिहाज से "सीस्मिक जोन-4" में आता है, जहां हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप की संभावना रहती है। लेकिन फिलहाल मौसम की वजह से भूकंप की कोई अतिरिक्त चेतावनी नहीं है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि भूकंप सुरक्षा उपायों की जानकारी रखें और बिना घबराए सावधानी बरतें। गर्मी से बचाव के लिए पानी खूब पिएं, धूप से बचें और जरूरी एहतियात अपनाएं।
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