संवाद
आज सम्पूर्ण देश में भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें धर्म, मर्यादा और आदर्श का प्रतीक माना जाता है। श्रीराम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या नगरी में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था।
रामनवमी के अवसर पर देशभर के मंदिरों में विशेष पूजन और भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है। भक्त सुबह से ही व्रत-उपवास रखकर भगवान राम की पूजा-अर्चना में लीन हैं। खासकर अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, सीतामढ़ी और जनकपुर जैसे धार्मिक स्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए हैं। अयोध्या में सरयू नदी के किनारे स्नान कर भक्त रामलला के दर्शन के लिए लम्बी कतारों में खड़े हैं।
रामचरितमानस, रामायण पाठ और सुंदरकांड के पाठ से वातावरण राममय हो गया है। जगह-जगह झांकियां, शोभायात्राएं और भव्य सजावट देखने को मिल रही है। कई स्थानों पर रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है जो भगवान राम के जीवन की कथाओं को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।
रामनवमी केवल धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्य की शिक्षा भी देता है। श्रीराम का जीवन हमें सत्य, कर्तव्य और प्रेम का मार्ग दिखाता है।
मौसम भी आज भक्तों का साथ दे रहा है। गर्मी के बावजूद लोगों में उत्साह और श्रद्धा की कोई कमी नहीं है। पुलिस और प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
श्रीराम के जन्मदिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम भी उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और समाज में मर्यादा, शांति और प्रेम का संचार करें।
रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
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