पटना। बिहार के हजारों नियोजित शिक्षकों को 12 वर्षों की सेवा के बाद भी कालबद्ध प्रोन्नति (Time-bound Promotion) का लाभ फिलहाल नहीं मिलेगा। पटना हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद, शिक्षा विभाग ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ एलपीए (Letters Patent Appeal) में जाने का निर्णय लिया है।
यह फैसला शिक्षकों के बीच निराशा और आक्रोश का कारण बन रहा है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में शिक्षकों को सेवा अवधि के आधार पर प्रोन्नति का अधिकार दिया था, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा की गई अपील की वजह से यह लाभ अब फिलहाल के लिए अटक गया है।
क्या है मामला:
राज्य के नियोजित शिक्षक लंबे समय से समय पर पदोन्नति और वेतनमान में सुधार की माँग कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन अब विभाग ने इस आदेश को चुनौती देने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों में नाराजगी
शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह निर्णय सरकार की शिक्षक-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। शिक्षकों का यह भी आरोप है कि विभाग जानबूझकर न्यायिक आदेशों को टालने का प्रयास कर रहा है।
मिथिला क्षेत्र पर भी असर
दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल जैसे जिलों में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक हैं। विभाग के इस रुख से इन जिलों के हजारों शिक्षकों को प्रोन्नति और आर्थिक लाभ से वंचित रहना पड़ सकता है।