अपराध के खबरें

मिथलाचंल में स्वच्छता अभियान पर लगा प्रश्नवाचक चिन्ह



छाया

छाया
स्वच्छ भारत अभियान को लेकर है आप सभी जानते है। कि देश मे स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है ।लेकिन ऐसा मालूम पड़ता है कि केवल यह अभियान प्रचार प्रसार तक ही सीमित है। पुरे मिथलाचंल में यही हाल है सीतामढ़ी के सुरसंड प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य चौक एक मात्र शौचालय है भारत नेपाल के अलावे विभिन्न जगह से आने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसा नहीं है कि इनका निर्माण स्वच्छता अभियान के द्वारा कराया गया हो।स्वच्छता अभियान में तो हमलोगों के प्रखंड में कोई काम शायद ही हुआ हो ।पर इतना जरूर है कि कुछ माननीय लोग इस अभियान के नाम पर फ़ोटो जरूर खिचबाये है। लेकिन सार्वजनिक रूप स्वच्छता पर कोई जो काम हुआ है।और जो व्यवस्था बनी है उसकी मिसाल ये यह जर्जर शौचालय है । इस शौचालय का निर्माण आज से बीस साल पहले हुआ तो था आम जनता के लिये निशुल्क लेकिन निशुल्क तो कभी नहीं रहा लेकिन ये बात अलग है कि पहले जहाँ पचास पैसे लिए जाते थे।वही अब पांच रुपये लिए जाते है। लेकिन जब पचास पैसे लिये जा रहे थे तब तो थोड़ा व्यवस्थित भी था लेकिन आज पांच रुपये लिये जा रहे लेकिन सुबिधा के नाम पर असुविधा से ग्रसित है यह बात अलग है । प्रखंड विकास पदाधिकारी अजित कुमार से संपर्क किए जाने पर उनका मोबाइल संपर्क क्षेत्र से बाहर था । अंचलाधिकारी सुधांशु शेखर ने बताया यह शौचालय सांसद कोष से है मेरे ओर से भूमि प्रतिवेदन विभाग के पास चला गया है 23 लाख की लागत से शौचालय का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाने की बात कही गई। इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हरारी दुलारपुर गांव निवासी केशव कुमार ठाकुर, युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष हरि ओम शरण नारायण उर्फ संतोष कुमार, राकेश कुमार मौसम, मनोहर कुमार सोनी, विजय कुमार राजा, संजय कुमार, सहित कई लोगों ने स्वच्छता अभियान को शौचालय से जोड़कर सुरसंड में टाय टाय फिस बताया है। दूसरी ओर भारत सरकार के द्वारा देश को खुले में शौच मुक्त करने की बात कही जा रहीं है. लेकिन सच तो ये है कि रेलवे स्टेशन पर शौचालय के बंद रहने से शौच हेतु रेल यात्री को मजबुरन खुले में जाना पड़ रहा हैं. मिथलाचंल के कई रेलवे स्टेशन का है. जहां ‘पे एंड यूज’ शौचालय विगत कई दिनों से बंद है. जिससे रेल यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. शौचालय के बंद रहने पर ऐसी स्थिति में रेल यात्री को यत्र-तत्र भटकना पड़ रहा हैं. स्थनीय लोगों के मुताबिक संवेदक और पेटी कांट्रेक्टर के बीच राशि को लेकर विवाद चल रहा है. जिससे ‘पे एंड यूज’ शौचालय को बंद कर दिया हैं. दर्जनों रेल यात्रियों ने बताया कि भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित  रेलवे स्टेशन से प्रत्येक दिन भारी संख्या में विभिन्न जगहों पर यात्रा करने हेतु लोग आते है. इस मामले में रेल अधिकारी उदासीन है. तथा इस संबंध में कुछ बोलने से भी मना कर दिया. दरभंगा में  सरकारी शिक्षक ने तो हद ही कर दिया  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को साफ सुथरा बनाने के लिए देशव्यापी स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है। लेकिन बहुत से लोग सड़कों को गंदा कर उनके सपनों को पलीता लगाते रहे हैं। बिहार के दरभंगा में भी पीएम के सपनों को एक शिक्षक खुले में पेशाब कर पलीता लगा रहे थे, जो अब सरकार के निशाने पर आ गए हैं।सरकार जमीन पर कर रहे थे पेशाब बिहार के दरभंगा के सरकारी शिक्षक को एक सरकारी कार्यालय परिसर में सार्वजनिक रूप से पेशाब करना तब महंगा पड़ गया, जब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस मामले को लेकर उनसे जवाब मांगा। वैसे, बेनीपुर प्रखंड कार्यालय ने ऐसा नहीं है कि केवल एक मात्र शिक्षक को ही इस मामले में नोटिस जारी किया है, बल्कि कई आम लोग भी हैं, जिन्हें स्वच्छता के  सार्वजनिक स्थान पर पेशा करने के कारण नेटिस थमा दिया ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live