देश की गरीबों को रोजगार देने की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में लूट और भ्रष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा. इस योजना में लूट का सबसे बड़ा केंद्र सुरसंड प्रखंड की दाढावारी पंचायत बना हुआ है. मनरेगा के तहत किये जानेवाले कार्य में गांव के मनरेगा मजदूरों से कराने के बजाय जेसीबी मशीन लगाकर करवाया जा रहा है. लोगों के मुताबिक इस संबंध में तमाम अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की गयी है. इस मामले में प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह है कि काम रुकवाना तो दूर, जांच तक नहीं की गयी और जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. यहां मनरेगा में काम करनेवाले मजदूरों के नाम का प्रयोग कर गरीबों को रोजगार के लाभ से वंचित कर दिया गया है. पंचायत में जेसीबी से कार्य करा कर मजदूरों के हक पर डाका डाला जा रहा है.
इस धांधली के क्रम में सोमवार को एक नया ही मामला प्रकाश में आया. दाढावारी पंचयात के मेघपुर गांव में नाली उड़ाही कार्य जेसीबी मसीन के द्वारा किया जा रहा है. जहां मनरेगा के नाम आता है वहां मजदूर की छवि अपने आप सामने आ जाती है. लेकिन, दाढावारी पंचायत में मनरेगा के नाम आते ही आंखों के सामने जेसीबी मसीन नाचने लगती है. लोगों का कहना है कि मनरेगा की सभी योजनाओं में धांधली की जाती है. स्थानीय निवासी सुनील चौधरी ने बताया कि मिलीभगत से मनरेगा के तहत होने वाले कामों को फर्जी बिल और दस्तावेज दिखा कर लाखों का गबन किया जा रहा है. इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की गयी है. लेकिन, स्थानिए अधिकारियों द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता.