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18 जुलाई से संसद भवन में में गूंजेगी मेथली भाषा

रोहित कुमार सोनू 
अब 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में मिथिलांचल के सांसद मैथिलि भाषा में अपनी बात रख पायेगें . अब राज्यसभा सांसद आठवीं सूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में अपनी बात रखते नजर आयेगें. मंगलवार को सचिवालय ने अनुवादकों का एक पैनल शामिल किया. राज्यसभा में डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, संथाली और सिंधी के लिए अनुवादक रखे गए. वहीं इनके अलावा इन 22 भाषाओं में से असमी, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा के लिए पहले ही सदन में अनुवादक रखे हुए हैं. लोकसभा में भी बोडो, मैथिली, मणिपुरी, मराठी और नेपाली के लिए अनुवादक रखे जा रहे हैं. हालांकि, सांसदों को अनुवादकों के लिए पहले नोटिस देना होगा.
इस पहल से सदन के सभापति बहुत खुश हैं .उनका कहना है कि ‘ मातृभाषा अपनी बात और भावनाएं पूरी तरह से जाहिर करने का सबसे अच्छा माध्यम होती है. सांसदों को भाषा की वजह से अपनी बात रखने में कोई बाधा का सामना नहीं करना चाहिए. सभापति ने कहा कि इसलिए वो चाहते थे  कि सूची की सभी 22 भाषाओं के लिए अनुवाद रखे जाएं. अब  अगले मॉनसून सत्र से ये हकीकत बन जाएगा.’नायडू ने जब सदन में सभापति का पद संभाला था, तभी उन्होंने कहा था कि सदन में सांसद 22 भाषाओं में अपनी पसंद की भाषा में बोल सकें, इसके लिए अनुवादकों की व्यवस्था की जाएगी.

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