रोहित कुमार सोनू
लिट्टी चोखा
लिट्टी चोखा बिहारी व्यंजनों का एक हिस्सा है यह बिहार में ही नहीं घर में भी खाये जाने वाली पारम्परिक भोजन है | दिल्ली में नोएडा में पंडित जी के मिथिलाचंल लिट्टी चौखा नामी है इसे आप लंच ,डिनर या छुट्टी के दिनों मे बना कर खा सकते हैं। लिट्टी सत्तू (भुना हुआ बेसन) और कुछ विशेष मसाले से भरा हुआ होता है और इसे बैगन के चोखे या घी के साथ परोसा जाता है।
मालपुआ और लौंगलट्टी
यदि आप भविष्य में कभी भी बिहार का दौरा करने जाते है, तो सीतामढ़ी जिला में पुपरी के मालपुआ और लौंगलट्टी जरूर खाये |यह उत्तर बिहार में बनाये जाने वाली डिश है | ये बहुत स्वादिष्ट होता है और इन्हें बनाने का तरीका बहुत ही आसान है | मालपुआ को रबड़ी और खीर के साथ भी खाया जाता है और इन्हें खीरपुआ भी कहा जाता है |
दालपूरी
बिहार की पारम्पारिक भोजन के संदर्भ में जो पहला नाम मन में आता है वो दलपुरी है. यह मूल रूप से गेहूं के आटे से बना रोटी का एक प्रकार है। इस मे उबला हुआ दाल भर कर तेल मे फ्राई किया जाता है.
अमोट
बिहार में मधुबनी के आम के अमोट की बात ही कुछ और है यदि इसे आप अब घर पर बना कर खायें तो इसका स्वाद आपको बचपन में खाये आम से भी अधिक अच्छा लगेगा, इतना अच्छा कि इसके आगे मिठाइयां भी फीकी लगेंगी. चटपटा आम अमोट का खट्टा, मीठा और मसालेदार स्वाद तो सिर्फ जो खाये, वही जाने.
आमोट बनाना एकदम आसान है लेकिन इसे बनाने के लिये धूप अवश्य चाहिये. आम पापड़ किसी भी किस्म के आमों से बनाया जा सकता हैं. यदि आम खट्टे किस्म के हैं तब चीनी की मात्रा थोड़ी सी बड़ा दीजिये.
मखाना खीर
अगर आप बिहार जाते हैं और मखाना -खीर नहीं चखा, तो फिर क्या किया . दरभंगा क्षेत्र का फेमस रेस्पी है. यह दूध, चीनी और मखाना के साथ बनाये जाने वाली एक स्वीट डिश है|
बालूशाही
सैदपुर गाँव, सीतामढ़ी पर पड़ता है जो बालूशाही के लिए प्रसिद्ध है । बालूशाही घी के साथ पकाया जाता है, जो मैदा (गेहूं मंजिल) और चीनी की एक विशेष इलाज संयोजन की मीठी शामिल हैं।
पेरुकिया
बिहार के पेरुकिया लिए प्रसिद्ध है | यह एक केक की तरह होता है। यह चीनी,खोआ /सूजी ,मैदा ,पानी और घी के मिश्रण के साथ तैयार किया जाता है।
ठेकुआ/खजुरिया
मेदा (गेहूं मंजिल) और चीनी से बनाया स्वीट्स हैं। वे घी में मैदा के संयोजन और चीनी के द्वारा, केवल विशेष अवसरों पर तैयार कर रहे हैं।
लड्डू
बात बिहार व्यंजनों के बारे में है, कैसे हम मिथलाचंल का लड्डू भूल सकते हैं । लड्डू को एक मधुर गेंद का नाम दिया गया है | यह बेसन, चीनी और घी से बनाय जाता है। हालांकि आपको मिथलाचंल के हर मिठाई की दुकान में लड्डू मिलेगा!
बैंगन-का-भरता
बैंगन-का-भरता पारंपरिक बिहार डिश है | यह आमतौर पर मिथलाचंल बोलने वाले इलाके में खाया जाता है.
लिट्टी चोखा
लिट्टी चोखा बिहारी व्यंजनों का एक हिस्सा है यह बिहार में ही नहीं घर में भी खाये जाने वाली पारम्परिक भोजन है | दिल्ली में नोएडा में पंडित जी के मिथिलाचंल लिट्टी चौखा नामी है इसे आप लंच ,डिनर या छुट्टी के दिनों मे बना कर खा सकते हैं। लिट्टी सत्तू (भुना हुआ बेसन) और कुछ विशेष मसाले से भरा हुआ होता है और इसे बैगन के चोखे या घी के साथ परोसा जाता है।
मालपुआ और लौंगलट्टी
यदि आप भविष्य में कभी भी बिहार का दौरा करने जाते है, तो सीतामढ़ी जिला में पुपरी के मालपुआ और लौंगलट्टी जरूर खाये |यह उत्तर बिहार में बनाये जाने वाली डिश है | ये बहुत स्वादिष्ट होता है और इन्हें बनाने का तरीका बहुत ही आसान है | मालपुआ को रबड़ी और खीर के साथ भी खाया जाता है और इन्हें खीरपुआ भी कहा जाता है |
दालपूरी
बिहार की पारम्पारिक भोजन के संदर्भ में जो पहला नाम मन में आता है वो दलपुरी है. यह मूल रूप से गेहूं के आटे से बना रोटी का एक प्रकार है। इस मे उबला हुआ दाल भर कर तेल मे फ्राई किया जाता है.
अमोट
बिहार में मधुबनी के आम के अमोट की बात ही कुछ और है यदि इसे आप अब घर पर बना कर खायें तो इसका स्वाद आपको बचपन में खाये आम से भी अधिक अच्छा लगेगा, इतना अच्छा कि इसके आगे मिठाइयां भी फीकी लगेंगी. चटपटा आम अमोट का खट्टा, मीठा और मसालेदार स्वाद तो सिर्फ जो खाये, वही जाने.
आमोट बनाना एकदम आसान है लेकिन इसे बनाने के लिये धूप अवश्य चाहिये. आम पापड़ किसी भी किस्म के आमों से बनाया जा सकता हैं. यदि आम खट्टे किस्म के हैं तब चीनी की मात्रा थोड़ी सी बड़ा दीजिये.
मखाना खीर
अगर आप बिहार जाते हैं और मखाना -खीर नहीं चखा, तो फिर क्या किया . दरभंगा क्षेत्र का फेमस रेस्पी है. यह दूध, चीनी और मखाना के साथ बनाये जाने वाली एक स्वीट डिश है|
बालूशाही
सैदपुर गाँव, सीतामढ़ी पर पड़ता है जो बालूशाही के लिए प्रसिद्ध है । बालूशाही घी के साथ पकाया जाता है, जो मैदा (गेहूं मंजिल) और चीनी की एक विशेष इलाज संयोजन की मीठी शामिल हैं।
पेरुकिया
बिहार के पेरुकिया लिए प्रसिद्ध है | यह एक केक की तरह होता है। यह चीनी,खोआ /सूजी ,मैदा ,पानी और घी के मिश्रण के साथ तैयार किया जाता है।
ठेकुआ/खजुरिया
मेदा (गेहूं मंजिल) और चीनी से बनाया स्वीट्स हैं। वे घी में मैदा के संयोजन और चीनी के द्वारा, केवल विशेष अवसरों पर तैयार कर रहे हैं।
लड्डू
बात बिहार व्यंजनों के बारे में है, कैसे हम मिथलाचंल का लड्डू भूल सकते हैं । लड्डू को एक मधुर गेंद का नाम दिया गया है | यह बेसन, चीनी और घी से बनाय जाता है। हालांकि आपको मिथलाचंल के हर मिठाई की दुकान में लड्डू मिलेगा!
बैंगन-का-भरता
बैंगन-का-भरता पारंपरिक बिहार डिश है | यह आमतौर पर मिथलाचंल बोलने वाले इलाके में खाया जाता है.