राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर शहर के अतिव्यस्तम सड़क मार्ग जो मरम्तीकरण के अभाव में दम तोड़ रहा है।बरसात के दिनों में तो गढ्ढे का पता ही नहीं चल पाता है।जर्जर सड़क के कारण आऐ दिन मोटरसाइकिल-साईकिल सवार राहगीर गिर कर चोटिल भी हो गए ।
मालूम हो की इस सड़क का निर्माण आज से करीव १५ वर्ष पूर्व कंक्रीट सीमेंटेड सड़क के रूप में किया गया था तबसे इस सड़क मार्ग वैसे ही है।बीच बीच में कंक्रीट सड़क गड्ढे के रूप में परिवर्तित हो गया।उसी मार्ग से बच्चे,राजनीतिज्ञ, बुद्धिजीवी, वकील, प्रशासनिक अधिकारी गण दिन और रात गुजरते रहते है और गढ्ढे के कारण गिर भी जाते हैं लेकिन इसके मरम्तीकरण के लिए कोई भी नागरिक या प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस कदम उठाने की नहीं सोचते है जिसके चलते बाहर से आने वाले राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।स्थानीय नरेन्द्र कुमार, जवाहरलाल, राजेश राम,संजय कुमार, गणपत राम,गणेशी राम,चलित्तर दास,जालिम दास,उमेश महतो इत्यादि लोगों ने कहां की जबसे इस सड़क का निर्माण किया गया उस दिन से लेकर ऐ सड़क की दूबारा निर्माण या मरम्तीकरण करते हुऐ कभी किसी ने नहीं देखा है।राज्य जनप्रतिनिधियों के लिए ऐ कोई समस्या नहीं है।ऐसा ही दिखता है जिस कारणवश हमलोग जर्जर सड़क मार्ग पर चलने को मजबूर हैं।
समस्तीपुर शहर के अतिव्यस्तम सड़क मार्ग जो मरम्तीकरण के अभाव में दम तोड़ रहा है।बरसात के दिनों में तो गढ्ढे का पता ही नहीं चल पाता है।जर्जर सड़क के कारण आऐ दिन मोटरसाइकिल-साईकिल सवार राहगीर गिर कर चोटिल भी हो गए ।
मालूम हो की इस सड़क का निर्माण आज से करीव १५ वर्ष पूर्व कंक्रीट सीमेंटेड सड़क के रूप में किया गया था तबसे इस सड़क मार्ग वैसे ही है।बीच बीच में कंक्रीट सड़क गड्ढे के रूप में परिवर्तित हो गया।उसी मार्ग से बच्चे,राजनीतिज्ञ, बुद्धिजीवी, वकील, प्रशासनिक अधिकारी गण दिन और रात गुजरते रहते है और गढ्ढे के कारण गिर भी जाते हैं लेकिन इसके मरम्तीकरण के लिए कोई भी नागरिक या प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस कदम उठाने की नहीं सोचते है जिसके चलते बाहर से आने वाले राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।स्थानीय नरेन्द्र कुमार, जवाहरलाल, राजेश राम,संजय कुमार, गणपत राम,गणेशी राम,चलित्तर दास,जालिम दास,उमेश महतो इत्यादि लोगों ने कहां की जबसे इस सड़क का निर्माण किया गया उस दिन से लेकर ऐ सड़क की दूबारा निर्माण या मरम्तीकरण करते हुऐ कभी किसी ने नहीं देखा है।राज्य जनप्रतिनिधियों के लिए ऐ कोई समस्या नहीं है।ऐसा ही दिखता है जिस कारणवश हमलोग जर्जर सड़क मार्ग पर चलने को मजबूर हैं।