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गलत दवा पड़ने के कारण बच्चे की मौत,परिजनों ने की पीएससी में तालाबंदी

राजेश कुमार वर्मा

 समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड के बिरसहिया निवासी विनोद कुमार के दूध मुहा पुत्र की मौत गलत दवा देने कारण बीते दिन देर रात्रि को हो गई। मासुम के मृत्यु के बाद विनोद कुमार और उनके पत्नी प्रेम शिला आर्य सहित पूरे परिजन के लोग और सैकड़ों ग्रामीण लोग सुबह होते ही विभूतिपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर डॉक्टर और नर्स सहित चिकित्सा प्रभारी से संपर्क करना चाहा लेकिन घटना की जानकारी मिलते ही पीएससी में मौजूद सभी स्वास्थ्य कर्मी फरार हो गए, एक स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित था जिससे जानकारी लेने पर उसने पीड़ित लोगों को बताया कि प्रभारी महोदय नहीं आए हैं वे पहुंचने ही वाले हैं ।दिन के 12:00 बजे तक जब सीएससी प्रभारी पीएससी पर नहीं पहुंचे तो लोगों ने बवाल करना शुरू कर दिया। इस दौरान लोगों के पीएससी में ताला बंद कर विरोध किया। उसके बाद थाना प्रभारी कृष्ण चंद्र भारती अपने दल बल के साथ पीएससी पर पहुंचे तथा सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह,रामबाबू यादव एवं विभिन्न लोगों के साथ कड़ी मशक्कत करते हुए लोगों को शांत किया। उसके बाद पीएससी प्रभारी पीपी सिंह और थानाध्यक्ष कृष्ण चंद भारती, सुरेंद्र सिंह, राम बाबू यादव सहित अन्य लोगों के बीच दोनों पक्षों के लोगों से बात की गई जिसमें पीड़ित ने इस घटना को लेकर जांच कराते हुए कार्रवाई करने की बात कही, पीड़ित के द्वारा आवेदन दिया गया जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष के द्वारा बच्चे को शव को पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर भेज दिया गया है। इस संबंध में डॉक्टर ने बताया कि टीका के कारण बच्चे की मौत नहीं हुई होगी हो सकता है कि कोई सांपों ही काट लिया होया अन्य कोई कारण से उसकी मौत हुई होगी ,साथ में उन्होंने कहा कि अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल सकेगा कि बच्चे की मौत कैसे हुई । इस मामले में पूछे जाने पर परिजनों ने विभूतिपुर पीएससी के डॉक्टरों पर लापरवाही कर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है ,घटना को लेकर मृत बच्चे की मां ने बताया कि दिन के 1:30 बजे के करीब नर्स के द्वारा इंजेक्शन दिया गया था , इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे को लेकर मैं घर चली गई ,उसके बाद बच्चा को काफी बुखार हो गया शाम करीब 7:00 बजे पुनः बच्चे को लेकर वहां पहुंची तो उक्त नर्स के द्वारा एक 500 एमजी का पेरासिटामोलट ग्रुप का टेबलेट दिया गया और कहीं की इस टैबलेट का एक चौथाई भाग बच्चे को खिला देना । उसके बाद दवा खिलाने के कुछ ही देर बाद उसका हालात बिगड़ता हुआ चला गया और उसकी मौत हो गई ।अब देखने वाली बात यह है कि एक से डेढ़ माह के बच्चे को 500 एमजी का टैबलेट देना उचित है या नहीं, जबकि इस उम्र के बच्चे के लिए ड्रॉप आती है जो 5 से 10 बूंद दिया जाता है । इससे साफ स्पष्ट होता है कि उक्त नर्स के बेवकूफी के वजह से बच्चे की मौत हुई है ।वैसे भी देखा जाए तो हॉस्पिटल का विधि व्यवस्था इन दिनों काफी चरमरायी हुई है ,यहां के कर्मी पूर्ण रूप से लापरवाह हो गए हैं ।परिजनों का बच्चे की मौत से काफी सदमा लगा है परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है । विनोद कुमार को यह दूसरा पुत्र था, बड़ा पुत्र 3 वर्षीय पुत्र अभय राज है। इस संबंध में थानाध्यक्ष कृष्ण भारती ने बतलाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है इसमें अगर कोई स्वास्थ्य कर्मी दोषी होंगे तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी । 

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