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जयनगर के विशाल होटल में आयोजित हुआ एकदिवसीय रक्तदान शिविर, 47 रक्तवीर एवं रक्तांगना ने किया स्वैच्छिक रक्तदान

पप्पू कुमार पूर्वे

समाजसेवी सुमित कुमार राउत, एवं ब्लडपल्स, मधुबनी के द्वारा भारत विकास परिषद, जयनगर शाखा के बैनर तले समाजसेवी बिशम्भर पूर्वे जी के सहयोग से सफल हुआ विशाल होटल(पटना गद्दी चौक,जयनगर) में आयोजित एकदिवसीय रक्तदान शिविर.


आज 17 नए रक्तवीर एवं रक्तांगना के साथ कुल 47 रक्तवीर एवं रक्तांगना के स्वैच्छिक रक्तदान से बना एक अनोखा रिकॉर्ड. शुरुआत से ही रक्तवीर स्वयं ही आके स्वतः रक्तदान किये, वहीं, दो कपल ने एक साथ में रक्तदान किया. कार्यक्रम दिन के 11बजे से शाम के 05बजे तक चला. रक्तदान के उपरांत सभी रक्तवीर एवं रक्तांगनाओं को रक्तदान प्रमाण-पत्र भी दिया गया.

आज के कार्यक्रम का सुबह 10बजे विधिवत उद्घाटन हुआ. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में अरुण शंकर प्रसाद(पूर्व विधायक, खजौली विधानसभा) जी रहे.

इस पूरे कार्यक्रम के चीफ कॉर्डिनेटर सुमित कुमार राउत थे.
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक ब्लडपल्स समूह, मधुबनी एवं भारत विकास परिषद, जयनगर शाखा के बैनर तले आयोजित हुआ.
साथ ही, मधुबनी रेड क्रॉस सोसाइटी की पूरी टीम मधुबनी से चल कर यहाँ रक्तदान को जमा कर अपने संरक्षण में मधुबनी ले गई.

उद्घाटन के मौके पर अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि रक्तदान जीवनदान है, रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है. इस बात का अहसास हमें तब होता है, जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है. उस वक्त हम नींद से जागते हैं, और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है. आज हम सभी शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें.
वहीं, डॉ०मुकेश महासेठ ने बताया कि रक्त दान को हमारे समाज में महादान माना गया है. इसकी बजह से प्रतिवर्ष लाखों लोगों को नया जीवन मिलता है। दरअसल इंसान के रक्त को बनाया नहीं जा सकता है। जो ब्लड लोगों द्वारा दान किया जाता है वही अन्य जरूरतमंद लोगों के लिये इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह रक्त दान द्वारा दूसरों की जिंदगी बचाने का काम होका है। वहीं यह भी जानना जरूरू है कि रक्त दान करने वाले व्यक्ति को भी इससे फायदे होते है।दिल का स्वास्थ्य बेहतर होता है- नियमित रूप से ब्लड डोनेशन करने से आयरन लेवल ठीक बना रहता है। शरीर में आयरन बढ़ जाए तो ऑक्सीडेटिव डैमेज होता है, जिससे टिशू डैमेज होता है। ये दिल की बीमारियों से भी बचाव करता है। ये वक्त से एजिंग होने, स्ट्रोक आने और हार्ट अटैक से बचाव करता है।लीवर की बीमारियों और कैंसर का जोखिम कम- ब्लड डोनेट करने से लीवर पर अच्छा असर पड़ता है। लीवर का कार्य आयरन मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। ब्लड डोनेशन से शरीर में आयरन की मात्रा सही बनी रहती है और लीवर डैमेज होने से बचता है। साथ ही, आयरन की अधिकता से लीवर टिशू का ऑक्सीडेशन होता है, जिससे वो डैमेज हो सकता है और आगे चलकर कैंसर बन सकता है। इसलिए नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से लीवर कैंसर का जोखिम भी कम होता है.

इस मौके पर डॉ०मुकेश महासेठ, प्रवीर महासेठ, दीपक खरगा, पप्पू पूर्वे, अमरजीत पूर्वे, प्रेम कुमार, सत्येंद्र कुमार, शिवम कुमार, राजेश गुप्ता एवं अन्य कई लोग मौजूद रहे.

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