राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड क्षेत्र के नथ्थू द्वार पंचायत भवन सभागार में शुक्रवार की संध्या में नथ्थू द्वार पंचायत के समाजसेवी चिंतक जेपी सेनानी एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि स्वर्गीय चंद्र भूषण झा की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर उनके छोटे पुत्र त्रिपुरारी कुमार झा ने एक सभा का आयोजन किया।आपको बताते है कि स्व० चंद्र भूषण झा का जन्म नथ्थु द्वार पंचायत के एक गरीब परिवार में हुआ था जो एक मेहनती एंव कर्तव्यनिष्ठ समाजसेवी के रूप में उनका योगदान अपने ग्रामीण एवं प्रखंड स्तर पर सराहनीय रहा है वहीं वर्ष २०१८ में आज की तिथि को उनकी मृत्यु हो गई थी इसी सब के उपलक्ष्य में आज उनके छोटे पुत्र त्रिपुरारी कुमार झा ने श्रद्धांजली सभा सेमिनार का आयोजन किया इस सभा को संबोधित करते हुये त्रिपुरारी झा ने कहा कि मेरे पिता को पर्यावरण के प्रति काफी लगाव था जिनके पदचिन्ह पर चलकर हमने एक कदम पर्यावरण के लिए उठाया है आज पूरी दुनिया पर्यावरण-प्रदूषण के भय से त्रस्त है। यह चिंता नई नहीं है पहले भी थी। तब हमारे मुनियों ने इस विषय पर भी चिन्तन किया था, इसके समाधान भी पेश किए थे। उन्होंने पर्यावरण के हानिकारक प्रत्येक काम को आसुरी प्रवृत्ति और हितकर को दैवी प्रवृत्ति माना है। हमारी अदूरदर्शिता के कारण इस पृथ्वी पर रहने वालों के सामने पर्यावरण प्रदूषण एक विकराल रूप धारण कर रहा है। कुदरत का ऐसा प्रावधान है कि वृक्ष-वनस्पतियां आदि पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनें। यह सब प्राकृतिक सम्पदाएं पर्यावरण के सजग प्रहरी हैं, जो एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। वृक्ष कार्बन-डाई ऑक्साइड आदि हानिकारक गैसों को शोषित कर लेते हैं और सब प्राणियों के लिए जीवनदायक प्राण-वायु (ऑक्सीजन) उपलब्ध कराते हैं। वृक्ष-वनस्पतियां सभी प्राणियों के प्राण हैं। हमारे सभी ब्राह्मण ग्रंथों, वेदों, भारतीय दर्शनशास्त्रों में कितने ही ऐसे प्रमाण हैं ‘प्राणों वै वनस्पति’, वन-वनस्पतियों के सुख शांतिदायक और अनुकूल होने की कामना की गई है। वैसे भी भारतीय परम्परा में वटवृक्ष, आम्र, पीपल, तुलसी आदि का नाश सर्वथा निषेध माना गया है। हमारी पवित्र सरिताएं और सरोवर के तटों पर आस्था केन्द्र काशी, मथुरा, हरिद्वार आदि तीर्थ स्थापित हैं। वृक्ष हर प्रकार से पृथ्वी के रक्षक हैं, जो मरुस्थल पर नियंत्रण करते हैं, नदियों की बाढ़ की रोकथाम व जलवायु को स्वच्छ रखते हैं, समय पर वर्षा लाने में सहायक हैं, धरती की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। वृक्ष हमारा दाता है जो हमें निरन्तर सुख ही देता रहता है। जनता व सरकार का दायित्व बनता है कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर वातावरण को दूषित होने से बचाएं। ऐसा करके हम अपना ही नहीं, सर्वजन हितकारी कल्याण का काम करेंगे। हमें वृक्षों व वनों को अपने पुत्रों की भांति पालना व रक्षा करनी चाहिए, वृक्षों का निष्प्रयोजन काटना न हो और हो भी तो उतने या उससे दुगने वृक्ष अवश्य लगाएं। अगर समय रहते नहीं चेते तो दूषित वातावरण हमें और हमारी भावी पीढ़ी के विनाश का कारण बन सकता है।वही इस सेमिनार मे उपस्थित लोगों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु एक एक पौधा देकर सम्मानित करते हुए उपस्थित गणमान्यजनों को सम्बोधित किया। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त सीआई रामा कांत झा ने किया ।श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि के रूप में एनजीओ सचिव संजय कुमार बबलू ने पर्यावरण कि भयावह स्थिति को देखते हुए आथित्य संबोधन में कहा कि आज हमारे बीच पर्यावरण को लेकर पर्यावरण प्रहरी एवं स्वामी विवेकानंद युवा क्लब नथ्थू द्वार के त्रिपुरारी कुमार झा ने पर्यावरण सुरक्षा हेतु पूरे जिले में घूमकर जो पर्यावरण से संबंधित लोगों के बीच जागृत पैदा किया है वह काफी सराहनीय कार्य है त्रिपुरारी झा ने पर्यावरण के सुरक्षा के लिए जो कदम उठाया है वह काफी सराहनीय और अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है इस मौके पर अन्य समाजसेवी भाजपा नेता निरंजन सिंह, मुखिया महबूब आलम, पर्यावरण प्रेमी रामनाथ सिंह, अखिलेश झा ,दिलीप राय ,सरपंच रामचंद्र महतो, सुंदर राम ,सुरेंद्र राय ,मुकेश राय परमानंद झा, गौरव झा अनीता देवी,पत्रकार डीभीपी गुप्ता, उमेश कुमार चौधरी, राजेश कुमार वर्मा, सुरेश कुमार राय आदि लोग उपस्थित होकर पूर्व सांसद प्रतिनिधि को अपनी अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किया।
समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड क्षेत्र के नथ्थू द्वार पंचायत भवन सभागार में शुक्रवार की संध्या में नथ्थू द्वार पंचायत के समाजसेवी चिंतक जेपी सेनानी एवं पूर्व सांसद प्रतिनिधि स्वर्गीय चंद्र भूषण झा की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर उनके छोटे पुत्र त्रिपुरारी कुमार झा ने एक सभा का आयोजन किया।आपको बताते है कि स्व० चंद्र भूषण झा का जन्म नथ्थु द्वार पंचायत के एक गरीब परिवार में हुआ था जो एक मेहनती एंव कर्तव्यनिष्ठ समाजसेवी के रूप में उनका योगदान अपने ग्रामीण एवं प्रखंड स्तर पर सराहनीय रहा है वहीं वर्ष २०१८ में आज की तिथि को उनकी मृत्यु हो गई थी इसी सब के उपलक्ष्य में आज उनके छोटे पुत्र त्रिपुरारी कुमार झा ने श्रद्धांजली सभा सेमिनार का आयोजन किया इस सभा को संबोधित करते हुये त्रिपुरारी झा ने कहा कि मेरे पिता को पर्यावरण के प्रति काफी लगाव था जिनके पदचिन्ह पर चलकर हमने एक कदम पर्यावरण के लिए उठाया है आज पूरी दुनिया पर्यावरण-प्रदूषण के भय से त्रस्त है। यह चिंता नई नहीं है पहले भी थी। तब हमारे मुनियों ने इस विषय पर भी चिन्तन किया था, इसके समाधान भी पेश किए थे। उन्होंने पर्यावरण के हानिकारक प्रत्येक काम को आसुरी प्रवृत्ति और हितकर को दैवी प्रवृत्ति माना है। हमारी अदूरदर्शिता के कारण इस पृथ्वी पर रहने वालों के सामने पर्यावरण प्रदूषण एक विकराल रूप धारण कर रहा है। कुदरत का ऐसा प्रावधान है कि वृक्ष-वनस्पतियां आदि पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनें। यह सब प्राकृतिक सम्पदाएं पर्यावरण के सजग प्रहरी हैं, जो एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। वृक्ष कार्बन-डाई ऑक्साइड आदि हानिकारक गैसों को शोषित कर लेते हैं और सब प्राणियों के लिए जीवनदायक प्राण-वायु (ऑक्सीजन) उपलब्ध कराते हैं। वृक्ष-वनस्पतियां सभी प्राणियों के प्राण हैं। हमारे सभी ब्राह्मण ग्रंथों, वेदों, भारतीय दर्शनशास्त्रों में कितने ही ऐसे प्रमाण हैं ‘प्राणों वै वनस्पति’, वन-वनस्पतियों के सुख शांतिदायक और अनुकूल होने की कामना की गई है। वैसे भी भारतीय परम्परा में वटवृक्ष, आम्र, पीपल, तुलसी आदि का नाश सर्वथा निषेध माना गया है। हमारी पवित्र सरिताएं और सरोवर के तटों पर आस्था केन्द्र काशी, मथुरा, हरिद्वार आदि तीर्थ स्थापित हैं। वृक्ष हर प्रकार से पृथ्वी के रक्षक हैं, जो मरुस्थल पर नियंत्रण करते हैं, नदियों की बाढ़ की रोकथाम व जलवायु को स्वच्छ रखते हैं, समय पर वर्षा लाने में सहायक हैं, धरती की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। वृक्ष हमारा दाता है जो हमें निरन्तर सुख ही देता रहता है। जनता व सरकार का दायित्व बनता है कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर वातावरण को दूषित होने से बचाएं। ऐसा करके हम अपना ही नहीं, सर्वजन हितकारी कल्याण का काम करेंगे। हमें वृक्षों व वनों को अपने पुत्रों की भांति पालना व रक्षा करनी चाहिए, वृक्षों का निष्प्रयोजन काटना न हो और हो भी तो उतने या उससे दुगने वृक्ष अवश्य लगाएं। अगर समय रहते नहीं चेते तो दूषित वातावरण हमें और हमारी भावी पीढ़ी के विनाश का कारण बन सकता है।वही इस सेमिनार मे उपस्थित लोगों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु एक एक पौधा देकर सम्मानित करते हुए उपस्थित गणमान्यजनों को सम्बोधित किया। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त सीआई रामा कांत झा ने किया ।श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि के रूप में एनजीओ सचिव संजय कुमार बबलू ने पर्यावरण कि भयावह स्थिति को देखते हुए आथित्य संबोधन में कहा कि आज हमारे बीच पर्यावरण को लेकर पर्यावरण प्रहरी एवं स्वामी विवेकानंद युवा क्लब नथ्थू द्वार के त्रिपुरारी कुमार झा ने पर्यावरण सुरक्षा हेतु पूरे जिले में घूमकर जो पर्यावरण से संबंधित लोगों के बीच जागृत पैदा किया है वह काफी सराहनीय कार्य है त्रिपुरारी झा ने पर्यावरण के सुरक्षा के लिए जो कदम उठाया है वह काफी सराहनीय और अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है इस मौके पर अन्य समाजसेवी भाजपा नेता निरंजन सिंह, मुखिया महबूब आलम, पर्यावरण प्रेमी रामनाथ सिंह, अखिलेश झा ,दिलीप राय ,सरपंच रामचंद्र महतो, सुंदर राम ,सुरेंद्र राय ,मुकेश राय परमानंद झा, गौरव झा अनीता देवी,पत्रकार डीभीपी गुप्ता, उमेश कुमार चौधरी, राजेश कुमार वर्मा, सुरेश कुमार राय आदि लोग उपस्थित होकर पूर्व सांसद प्रतिनिधि को अपनी अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किया।