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नीरा को बढ़ावा देने के लिए जीविका दीदियों ने बढ़ाया कदम

राजेश कुमार वर्मा

  समस्तीपुर ताड़ से निकलने वाला रस नीरा कहलाता है, और इसका सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें पच्चीस प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इस रस में जौंडिस, दमा, समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है। दक्षिण भारत के राज्यों में नीरा बच्चों व महिलाओं को भी दिया जाता है। यह अनेक प्रकार के कुपोषण को दूर करता है। नीरा हॉर्लिक्स व बॉर्नविटा की तरह पौष्टिक होता है। उक्त बातें शक्ति जीविका महिला नीरा उत्पादक समूह द्वारा रजखा रामपुर में नीरा संग्रहण सह विक्रय केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर वक्ताओं ने कही।दीप प्रज्जवलित कर केंद्र का उद्घाटन उत्पादक समूह की अध्यक्ष मंजुला देवी, कोषाध्यक्ष किरण देवी, प्रखंड परियोजना प्रबंधक गोपाल कुमार झा, जीविकोपार्जन विशेषज्ञ अखिलेश दीक्षित, सामुदायिक समन्वयक बबिता कुमारी, धर्मेंद्र राम, विरन सिंह आदि ने सयुंक्त रुप से की।वक्ताओं ने आगे कहा कि यदि नीरा फर्मेंट हो कर ही ताड़ी बन जाता है जो नशीला होने के साथ हानिकारक हो जाता है जो हर प्रकार से हमारे लिए नुकसानदायक है। जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक गोपाल कुमार झा ने बताया कि जीविका नीरा को बढ़ावा देने के लिए प्रखंड में कुल 4 नीरा संग्रहण एवं विक्रय केंद की स्थापना करेगी। आज का विक्रय केंद्र की शुरुआत उसी का हिस्सा है। मौके पर जीविकोपार्जन विशेषज्ञ अखिलेश दीक्षित ने नीरा को लेकर जीविका द्वारा बनाई गई योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। मौके पर बड़ी संख्या में जीविका दीदियां एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

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