राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर दिन भर की भागदौड़ के बाद कोई भी शख्स रात में राहत की नींद लेना चाहता है,लेकिन शादियों के इस सीजन में लोगों को चैन की नींद पाने के लिए आधी रात तक जागना पड़ रहा है।* *इसकी वजह घरों के आस-पास होने वाले शादी समारोहों और घरों के पास से गुजरने वाली बारातों में देर रात तक बजने वाले डीजे हैं और डीजे के शोर से न केवल बुजुर्गों को परेशानी हो रही है,बल्कि बच्चों के लिए पढ़ाई करना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन इस पर न तो प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न ही पुलिस द्वारा कार्रवाई की की जहमत जुटाई जा रही है।* *साथ ही कई शादी समारोह में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होते हैं जहां पर फुल भाल्यूम में लोग डीजे में थिरकते रहते हैं और अधिकारी न तो कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं और न ही डीजे को बंद करने की कोशिश कराते हैं।* *विवाह घरों के आस-पास के रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद रात में बज रहे डीजे लोगों को सोने नहीं देते। नींद पूरी न हो पाने की वजह से उनका अगले दिन का शेड्यूल बिगड़ रहा है। ऊंची आवाज वाले डीजे के कारण दिल के मरीजों समेत दूसरे रोगों के पीडि़तों को ज्यादा समस्या हो रही है।* *डीजे वाले बाबू सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। रात 10 बजे के बाद भी तेज आवाज में डीजे बजाने की शिकायतों के बावजूद पुलिस इन्हें बंद नहीं करा पा रही है।*
*थाना क्षेत्र में तेज आवाज और रात में 10 बजे के बाद बजाए लाने वाले लाउडस्पीकर,डीजे, बैंड आदि पर प्रतिबंध लगने के बाद भी जमकर आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्थिति यह है कि क्षेत्र में बेखौफ होकर देर रात तक डीजे आदि बजाए जा रहे हैं। जिससे सभी वर्गों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।खासबात यह है कि बीते दिनों एसडीएम ने लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाया था और आचार संहिता के कारण भी रोक लगी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन भी है कि रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न किया जाए।* *लेकिन यहां विवाह भवनों से लेकर सड़कों पर निकलने वाले बारात व अन्य समारोह में इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
समस्तीपुर दिन भर की भागदौड़ के बाद कोई भी शख्स रात में राहत की नींद लेना चाहता है,लेकिन शादियों के इस सीजन में लोगों को चैन की नींद पाने के लिए आधी रात तक जागना पड़ रहा है।* *इसकी वजह घरों के आस-पास होने वाले शादी समारोहों और घरों के पास से गुजरने वाली बारातों में देर रात तक बजने वाले डीजे हैं और डीजे के शोर से न केवल बुजुर्गों को परेशानी हो रही है,बल्कि बच्चों के लिए पढ़ाई करना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन इस पर न तो प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न ही पुलिस द्वारा कार्रवाई की की जहमत जुटाई जा रही है।* *साथ ही कई शादी समारोह में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होते हैं जहां पर फुल भाल्यूम में लोग डीजे में थिरकते रहते हैं और अधिकारी न तो कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं और न ही डीजे को बंद करने की कोशिश कराते हैं।* *विवाह घरों के आस-पास के रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद रात में बज रहे डीजे लोगों को सोने नहीं देते। नींद पूरी न हो पाने की वजह से उनका अगले दिन का शेड्यूल बिगड़ रहा है। ऊंची आवाज वाले डीजे के कारण दिल के मरीजों समेत दूसरे रोगों के पीडि़तों को ज्यादा समस्या हो रही है।* *डीजे वाले बाबू सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। रात 10 बजे के बाद भी तेज आवाज में डीजे बजाने की शिकायतों के बावजूद पुलिस इन्हें बंद नहीं करा पा रही है।*
*थाना क्षेत्र में तेज आवाज और रात में 10 बजे के बाद बजाए लाने वाले लाउडस्पीकर,डीजे, बैंड आदि पर प्रतिबंध लगने के बाद भी जमकर आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्थिति यह है कि क्षेत्र में बेखौफ होकर देर रात तक डीजे आदि बजाए जा रहे हैं। जिससे सभी वर्गों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।खासबात यह है कि बीते दिनों एसडीएम ने लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाया था और आचार संहिता के कारण भी रोक लगी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन भी है कि रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग न किया जाए।* *लेकिन यहां विवाह भवनों से लेकर सड़कों पर निकलने वाले बारात व अन्य समारोह में इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।