राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर शहर के प्रधान डाकघर के सामने स्थित सरकारी बस पड़ाव वर्षों से नगरपरिषद द्वारा कुडे़-कचरे का प्रबंधन पड़ाव बना दिया गया है।बताया जाता हैं कि बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग द्वारा संचालित बस पड़ाव से सुबह के बाद एक भी बस नहीं खुलती है।जबकि यहां से रोजाना सैकड़ों यात्री पटना-दरभंगा जाने के लिए दुर देहात से आते रहते है और मजबुरन निजी बस पकड़ अपने गंतव्यों तक जाते है।*
*दुसरी ओर नगर परिषद प्रशासन इसे कुड़े कचरे का प्रबंधन स्थल में तब्दील कर दिया गया है जिससे चहुंओर गंदगी ही गंदगी नजरेइनायत हो रही है।*
*वहीं उक्त सरकारी बस परिसर में निजी वाहन चालक अपने वाहनों को लगाकर खुले आम यात्रियों को उठाकर भाड़े पर चलते है जिन चालकों का वाहन परिवहन विभाग से यातायात के लिऐ निबंधन भी नहीं है सभी वाहन चालक की वाहन निजी परिवहन हेतु निबंधित है लेकिन चलाया परिवहन में जा रहा है जिससे सरकार को मिलने वाली राजस्व की भी क्षति हो रही है।ताज्जुब की बात है की सरकारी बस परिसर से अतिक्रमण हटाने को लेकर नाही जिला प्रशासन की और से कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है और ना ही परिवहन विभाग के द्वारा ही कोई पहल की जा रही है जिससे दिनोंदिन सरकारी बस पड़ाव सिमटता जा रहा है।
समस्तीपुर शहर के प्रधान डाकघर के सामने स्थित सरकारी बस पड़ाव वर्षों से नगरपरिषद द्वारा कुडे़-कचरे का प्रबंधन पड़ाव बना दिया गया है।बताया जाता हैं कि बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग द्वारा संचालित बस पड़ाव से सुबह के बाद एक भी बस नहीं खुलती है।जबकि यहां से रोजाना सैकड़ों यात्री पटना-दरभंगा जाने के लिए दुर देहात से आते रहते है और मजबुरन निजी बस पकड़ अपने गंतव्यों तक जाते है।*
*दुसरी ओर नगर परिषद प्रशासन इसे कुड़े कचरे का प्रबंधन स्थल में तब्दील कर दिया गया है जिससे चहुंओर गंदगी ही गंदगी नजरेइनायत हो रही है।*
*वहीं उक्त सरकारी बस परिसर में निजी वाहन चालक अपने वाहनों को लगाकर खुले आम यात्रियों को उठाकर भाड़े पर चलते है जिन चालकों का वाहन परिवहन विभाग से यातायात के लिऐ निबंधन भी नहीं है सभी वाहन चालक की वाहन निजी परिवहन हेतु निबंधित है लेकिन चलाया परिवहन में जा रहा है जिससे सरकार को मिलने वाली राजस्व की भी क्षति हो रही है।ताज्जुब की बात है की सरकारी बस परिसर से अतिक्रमण हटाने को लेकर नाही जिला प्रशासन की और से कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है और ना ही परिवहन विभाग के द्वारा ही कोई पहल की जा रही है जिससे दिनोंदिन सरकारी बस पड़ाव सिमटता जा रहा है।