राजेश कुमार वर्मा चुनाव विशेष
लोकसभा सभा चुनाव-२०१९ में एनडीए बनाम युपीए महागठबंधन की लड़ाई देशभर के लोकसभा सीटों को लेकर विगत तीन माह से जनता बेकल हो रही थी उसका पटाक्षेप आज मतों की गिनती के साथ ही समाप्त हुआ।इस बार भी जनता ने लोकतंत्र को गला घोंटकर "वहीं राग और वही ढफली " बजाते हुए देश की बागडोर दूसरी बार एनडीए गठबंधन को सौंपा है और अपना विश्वास जताया है।
समस्तीपुर जिले के दोनों लोकसभा सीट से एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार लोजपा दलित सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद प्रत्याशी रामचंद्र पासवान के साथ ही उजियारपुर लोकसभा सीट से भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय सह प्रत्याशी को यहां के नागरिकों ने दूसरी बार जनमत देकर सरकार में भेजा है।इन दोनों प्रत्याशियों की जीत की सूचना मिलते ही एनडीए समर्थकों में खूशी की लहर छा गई और दोनों नवमनोनीत सांसदों को बधाई एंव शुभकामनाएं देने की होर सी छा गई है। ताजुब्ब की बात है की श्री पासवान के प्रति जो जनता में आक्रोश व्याप्त था और इनके कुरीतियों को लेकर जताया जा रहा था उसे मतगणना होने के बाद जनमत के मतों के रुप में मिला जिससे इनकी भारी बहूमत से जीत हुई अब देखना यह है की जीत के बाद अपने वादे पर कितने खड़े उतरते हैं चर्चा का विषय बन गया है।
लोकसभा सभा चुनाव-२०१९ में एनडीए बनाम युपीए महागठबंधन की लड़ाई देशभर के लोकसभा सीटों को लेकर विगत तीन माह से जनता बेकल हो रही थी उसका पटाक्षेप आज मतों की गिनती के साथ ही समाप्त हुआ।इस बार भी जनता ने लोकतंत्र को गला घोंटकर "वहीं राग और वही ढफली " बजाते हुए देश की बागडोर दूसरी बार एनडीए गठबंधन को सौंपा है और अपना विश्वास जताया है।
समस्तीपुर जिले के दोनों लोकसभा सीट से एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार लोजपा दलित सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद प्रत्याशी रामचंद्र पासवान के साथ ही उजियारपुर लोकसभा सीट से भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय सह प्रत्याशी को यहां के नागरिकों ने दूसरी बार जनमत देकर सरकार में भेजा है।इन दोनों प्रत्याशियों की जीत की सूचना मिलते ही एनडीए समर्थकों में खूशी की लहर छा गई और दोनों नवमनोनीत सांसदों को बधाई एंव शुभकामनाएं देने की होर सी छा गई है। ताजुब्ब की बात है की श्री पासवान के प्रति जो जनता में आक्रोश व्याप्त था और इनके कुरीतियों को लेकर जताया जा रहा था उसे मतगणना होने के बाद जनमत के मतों के रुप में मिला जिससे इनकी भारी बहूमत से जीत हुई अब देखना यह है की जीत के बाद अपने वादे पर कितने खड़े उतरते हैं चर्चा का विषय बन गया है।