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कॉलेज के समस्या को लेकर हर हाल में करेंगे अनशन :चंदन


रोहित कुमार सोनू
सीतामढ़ी :- श्री राधाकृष्ण गोयनका कॉलेज में अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह और प्राचार्य के  बीच ठन गई है । ठाकुर चंदन सिंह ने प्राचार्य से 24 मई को अनशन के लिए अनुमति मांगा था और कॉलेज के समस्या से अवगत कराया पर प्राचार्य के द्वारा अनुमति नहीं देने पर ठाकुर चंदन सिंह ने अब एलान किया है कि वो किसी भी कीमत पर गोयनका कॉलेज में ही अनशन करेंगे। अब देखना होगा प्राचार्य का अगला कदम क्या होगा। गौरतलब है गोयनका कॉलेज में देर से आते हैं कुछ प्रोफेसर पढ़ाते भी नहीं है यह आरोप ठाकुर चंदन सिंह द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि कॉलेज के कुछ प्रोफेसर न तो समय से कॉलेज आते हैं और न ही नियमित रूप से कक्षाएं लेते हैं। आरोप लगाए कि कक्षाओं का संचालन समय से नहीं होने के कारण छात्र कॉलेज के आसपास घूमते रहते हैं। प्रोफेसर अपने निजी कार्यों में व्यस्त रहते हैं। सिर्फ कागजी कार्यवाही पर कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है प्रोफेसर पढ़ाने के अलावा यहां अन्य सभी काम करते हैं। उन्होंने प्रोफेसर का उपस्थिति रजिस्टर बनाने की मांग भी की, जिसमें सभी का आने का समय अनिवार्य रूप से लिखा जाए। ठाकुर चंदन सिंह का कहना है कि कक्षाओं का संचालन समय से और नियमित हो प्रयोगशालाओं की स्थिति सुधारी जाए।

कौन है ठाकुर चंदन सिंह  :-
आपको याद होगा भगवान श्री राम पर 2016 में फरवरी माह सीतामढ़ी में डुमरी कला गांव निवासी अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने केस दर्ज कर के सबको फिल्म 'ओह माय गॉड का याद दिला दी थी।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को बोलने पर मजबूर कर दिया था योगी आदित्यनाथ उस समय सांसद थे ठाकुर चंदन सिंह भगवान श्री राम मुकद्दमा दर्ज कराने पर नाराजगी जाहिर की थी । उन्होंने कहा था कि ऐसे लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह का काम करते हैं।।वकील का कहना था कि मां सीता को न्याय मिलेगा तो ब्रह्मांड की सारी महिलाओं को न्याय मिलेगा। भगवान राम ने उनके साथ इंसाफ नहीं किया।' सुनवाई के दौरान कोर्ट हुई उस समय चंदन ने कहा था वह बचपन से सीता माता के अपमान से आहत हूं। किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं है। महिला उत्‍पीड़न त्रेता युग में ही आरंभ हो गया था।क्या था पुरा मामला फरवरी माह (2016) में सीतामढ़ी सीजेएम कोर्ट में भगवान राम और लक्ष्‍मण के खिलाफ महिला उत्पीड़न का केस दायर किया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि त्रेता युग में भगवान लक्ष्मण ने एक धोबी की बातों में आकर अपनी पत्नी सीता (मां जानकी) का परित्याग कर दिया।

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