रोहित कुमार सोनू
सीतामढ़ी :- वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह को फिर से राज्य सरकार ने एक बार फिर डॉ. रणजीत कुमार सिंह को सीतामढ़ी का डीएम बनया गया है। तकरीबन 2 महीनों के बाद डॉ. रणजीत कुमार सिंह की सीतामढ़ी डीएम के पद पर दोबारा वापसी हो रही है।इससे पहले सीतामढ़ी डीएम एम. रामचंद्रूडू को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव के पद पर तबादला कर दिया है।डॉ. रणजीत कुमार सिंह बिहार के बिहार के वैशाली जिले के रहने वालें हैं| 2008 बैच के आईएएस अधिकारी रणजीत कुमार सिंह मूल रूप से गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और अभी डेपुटेशन पर अभी बिहार में कार्यत हैं| गुजरात में रहते हुए इन्होने नर्मदा जिले को गुजरात का पहला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिला करवा, लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवा चुकें हैं| इस कारण इन्हें गुजरात रत्ना से भी सम्मानित किया जा चुका है| अब वही रिकॉर्ड सीतामढ़ी में दोहराते हुए, वे सीतामढ़ी को भी बिहार का पहला ओडीपी जिला घोषित किया है| वहीं डॉ रणजीत कुमार सिंह को फिर सीतामढ़ी के डीएम बनने पर सोशल नेटवर्किंग पर बधाई का तांता लगा है। जैसे खबर आयी सीतामढ़ी में फिर से डाॅ रणजीत को डीएम बनया गया है तो सीतामढ़ी चारों तरफ खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
सीतामढ़ी :- वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह को फिर से राज्य सरकार ने एक बार फिर डॉ. रणजीत कुमार सिंह को सीतामढ़ी का डीएम बनया गया है। तकरीबन 2 महीनों के बाद डॉ. रणजीत कुमार सिंह की सीतामढ़ी डीएम के पद पर दोबारा वापसी हो रही है।इससे पहले सीतामढ़ी डीएम एम. रामचंद्रूडू को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव के पद पर तबादला कर दिया है।डॉ. रणजीत कुमार सिंह बिहार के बिहार के वैशाली जिले के रहने वालें हैं| 2008 बैच के आईएएस अधिकारी रणजीत कुमार सिंह मूल रूप से गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और अभी डेपुटेशन पर अभी बिहार में कार्यत हैं| गुजरात में रहते हुए इन्होने नर्मदा जिले को गुजरात का पहला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिला करवा, लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज करवा चुकें हैं| इस कारण इन्हें गुजरात रत्ना से भी सम्मानित किया जा चुका है| अब वही रिकॉर्ड सीतामढ़ी में दोहराते हुए, वे सीतामढ़ी को भी बिहार का पहला ओडीपी जिला घोषित किया है| वहीं डॉ रणजीत कुमार सिंह को फिर सीतामढ़ी के डीएम बनने पर सोशल नेटवर्किंग पर बधाई का तांता लगा है। जैसे खबर आयी सीतामढ़ी में फिर से डाॅ रणजीत को डीएम बनया गया है तो सीतामढ़ी चारों तरफ खुशी की लहर दौड़ पड़ी।