अपराध के खबरें

कल्याणपुर थानाक्षेत्र के ग्रामीण एरिया से ४० स्कूली छात्राऐं गायब

राजेश कुमार वर्मा
  समस्तीपुर जिले के अंदर शराब माफिया की कारगुजारियों को ग्रामीणों द्वारा सुनकर पत्रकार भी हैरान हो कर रह गए..??? सूत्र बताते है की शराब माफिया भोले भाले ग्रामीणों के बाल बच्चें को अपने चंगुल में लेकर बेखौफ धंधा चला रहें।* *शराबबंदी के बावजूद भी खूलेआम समस्तीपुर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर में चोरी छिपे अवैधानिक रूप से शराब की खरीद-बिक्री पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से किया जा रहा है।*
   *ऐसा नहीं है की पुलिस शराब बेचने वाले के प्रति कार्यवाही नहीं करती है , पुलिसकर्मी कार्यवाही करती है लेकिन शेटिंग नहीं होने पर या एक दुसरे माफिया के एरिया में खेप आने की जानकारी सूत्रों से मिलने पर ही की जाती है।*
  *इधर कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण एरिया के विभिन्न गांव के स्कूली बच्चे को हथियार बनाया जा रहा है। मिल रही जानकारी के अनुसार शराब माफियाओं के चंगुल में फंसे करीबन 30 - 40 स्कूली लड़कियों की गांव से गायब होने की समाचार सुनते ही जिला को चौका देने का सनसनीखेज समाचार है।*
     *सनसनीखेज समाचार का उद्भेदन उस समय हुआ है की जब समस्तीपुर जिले के विभिन्न पत्र-पत्रकारिता से जुड़े पत्रकार आरक्षी महानिरीक्षक दरभंगा से मिलकर लौटने के दरम्यान चाय-पान करने वास्ते कल्याणपुर में रूके।बताया जाता है समस्तीपुर के आधे दर्जन से अधिक पत्रकारों ने दरभंगा से लौटने के क्रम में समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर क्षेत्र के चाय दुकान पर इस बात की चर्चा आपस में ग्रामीण द्वारा किए जा रहे थे कि पांव और हाथ के तले से जमीन खिसक चली है ।कई लोगों ने समाचार पत्र मे नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि शराब माफिया के चंगुल में फंसे करीब 1 गांवों के 30 से 40 लड़कियां इस महीना भर में गायब है उन लोगों ने बताया कि शराब माफिया छोटे-छोटे बच्चों के स्कूल बैग में दारू का बोतल डालकर बच्चों से दारू दूसरे जगह पहुंचाने का काम लेते हैं जिसकी सूचना पुलिस को देने के बाद ग्रामीणों की हालत काफी खराब कर दी जाती है ऐसी आशंका है कि अब इस बात को लेकर कई लोगों के बच्चे और उनके अभिभावक के हत्या होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिससे ऐसा लगता है की समस्तीपुर जिला संपूर्ण क्षेत्र जिला दारू - शराब माफियाओं के साथ ही भू-माफियाओं एवं देह व्यापार माफियाओं के साथ ही रंगबाजों एंव अवैधानिक कारोबारी माफियाओं के चंगुल में फंसा हुआ है ।इन सभी तबके के माफियाओं के सामने पुलिस प्रशासन अवैध कमाई के लिए अपनी जेबें भरने खातिर शायद घुटना टेक चुके है।इसी कारणवश इनलोगों के विरुद्ध सूचना मिलने पर भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जाता हैं।* *जांच का विषय लोकतंत्र की रक्षा लिए बनता जा रहा हैं।

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