राजेश कुमार वर्मा
*समस्तीपुर बिहार वित्तरहित शिक्षक संघ के नेता और राष्ट्रीय मैथिली शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ परमानन्द लाभ ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार और केन्द्र की सरकारें माननीय सुप्रीम कोर्ट के सहयोग से नियोजित व वित्तरहित लगभग पांच लाख शिक्षकों के मौलिक अधिकारों की हत्या करने में सफल तो हो गईं हैं, लेकिन यह देश और राज्य के हित में नहीं है। सूबे के मुख्यमंत्री अपने अहंकार की रक्षा में किसी हद तक जाने को तैंयार हैं, जिसका खामियाजा अन्तत: बिहार की पीढ़ियों को ही भुगतना होगा। उन्होंने प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय तक के समस्त शिक्षकों से सारे भेद-भाव को भुला कर, एकजुट हो कर सरकार की शिक्षक और शिक्षाविरोधी नीतियों का मुखालफ़त करने का आह्वान किया है और सरकार से समान काम के बदले समान वेतन संविधान की आत्मा का सम्मान करने के लिए कहा है। शिक्षक जब सड़क पर उतरेंगे, तो अराजकता जगेगी, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी है।
*समस्तीपुर बिहार वित्तरहित शिक्षक संघ के नेता और राष्ट्रीय मैथिली शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ परमानन्द लाभ ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार और केन्द्र की सरकारें माननीय सुप्रीम कोर्ट के सहयोग से नियोजित व वित्तरहित लगभग पांच लाख शिक्षकों के मौलिक अधिकारों की हत्या करने में सफल तो हो गईं हैं, लेकिन यह देश और राज्य के हित में नहीं है। सूबे के मुख्यमंत्री अपने अहंकार की रक्षा में किसी हद तक जाने को तैंयार हैं, जिसका खामियाजा अन्तत: बिहार की पीढ़ियों को ही भुगतना होगा। उन्होंने प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय तक के समस्त शिक्षकों से सारे भेद-भाव को भुला कर, एकजुट हो कर सरकार की शिक्षक और शिक्षाविरोधी नीतियों का मुखालफ़त करने का आह्वान किया है और सरकार से समान काम के बदले समान वेतन संविधान की आत्मा का सम्मान करने के लिए कहा है। शिक्षक जब सड़क पर उतरेंगे, तो अराजकता जगेगी, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी है।