राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर अग्निशमन मानकों को ताक पर रखकर कोचिंग संस्थानों का संचालन करने वालों पर अब रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। सूरत में हुए हादसे के बाद नींद से जागे अफसरों ने इस बाबत कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में डीएम द्वारा एक टीम गठित कर दी गई है जो जिले भर के विभिन्न कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करेगी। मानकों का उल्लंघन होते मिला तो कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।बताते चलें कि गुजरात के सूरत में गत 24 मई को भीषण अग्निकांड में 20 से ज्यादा छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी।मीडिया ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि जिले में भी अधिकांश कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जिनमें आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिसके बाद इस संबंध में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की गई। खबर छपने के बाद अफसर नींद से जागे और अब उन्होंने छात्र-छात्राओं की जान से खिलवाड़ करने वाले कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई के लिए कदम उठाए हैं।जिला अग्निशामक पदाधिकारी तपेश्वर सिंह का कहना है कि मीडिया में आई खबरों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि जिलेभर मेें बिना अग्निशमन मानकों को पूरा किए धड़ल्ले से कोचिंंग संस्थानों का संचालन हो रहा है। ऐसे में एक टीम गठित की गई है जो कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर रही है। साथ ही बगैर पंजीकरण, अग्निशमन मानकों के चल रहे संस्थानों की रिपोर्ट देगी जिन पर विभाग की ओर से कार्रवाई करने के साथ ही संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।डीएफओ ने शहर के काशीपुर स्थित बेलानेट परिसर में संचालित सचदेवा सांइस कोचिंग में निरीक्षण के दरम्यान बताया कि हालांकि 15 मीटर से कम ऊंचाई वाले भवनों में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर सीधे कार्रवाई का अधिकार उन्हें नहीं है। लेकिन इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। मौके पर फायर मैन विमल कुमार, सचदेवा सांइस कोचिंग के निदेशक प्रमुख पदमाकर सिंह लाला,प्रबंध निदेशिका अर्पिता भारद्वाज आदि मौजूद रहे ।
समस्तीपुर अग्निशमन मानकों को ताक पर रखकर कोचिंग संस्थानों का संचालन करने वालों पर अब रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। सूरत में हुए हादसे के बाद नींद से जागे अफसरों ने इस बाबत कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में डीएम द्वारा एक टीम गठित कर दी गई है जो जिले भर के विभिन्न कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करेगी। मानकों का उल्लंघन होते मिला तो कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।बताते चलें कि गुजरात के सूरत में गत 24 मई को भीषण अग्निकांड में 20 से ज्यादा छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी।मीडिया ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि जिले में भी अधिकांश कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जिनमें आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिसके बाद इस संबंध में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की गई। खबर छपने के बाद अफसर नींद से जागे और अब उन्होंने छात्र-छात्राओं की जान से खिलवाड़ करने वाले कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई के लिए कदम उठाए हैं।जिला अग्निशामक पदाधिकारी तपेश्वर सिंह का कहना है कि मीडिया में आई खबरों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि जिलेभर मेें बिना अग्निशमन मानकों को पूरा किए धड़ल्ले से कोचिंंग संस्थानों का संचालन हो रहा है। ऐसे में एक टीम गठित की गई है जो कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर रही है। साथ ही बगैर पंजीकरण, अग्निशमन मानकों के चल रहे संस्थानों की रिपोर्ट देगी जिन पर विभाग की ओर से कार्रवाई करने के साथ ही संचालकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।डीएफओ ने शहर के काशीपुर स्थित बेलानेट परिसर में संचालित सचदेवा सांइस कोचिंग में निरीक्षण के दरम्यान बताया कि हालांकि 15 मीटर से कम ऊंचाई वाले भवनों में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर सीधे कार्रवाई का अधिकार उन्हें नहीं है। लेकिन इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। मौके पर फायर मैन विमल कुमार, सचदेवा सांइस कोचिंग के निदेशक प्रमुख पदमाकर सिंह लाला,प्रबंध निदेशिका अर्पिता भारद्वाज आदि मौजूद रहे ।