राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर विधापति परिषद् के तत्वावधान में स्थानीय सागर होटल के सभागार में जानकी नवमी महोत्सव आयोजित किया गया।जानकी नवमी महोत्सव की अध्यक्षता पं० रामानंद झा ने की।उक्त अवसर पर विधापति परिषद् के प्रधान सरंक्षक डा० बुद्धि नाथ मिश्र ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया ।स्वागत सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहां की सम्पूर्ण भारत ही नहीं विश्व में माता जानकी से मिथिला की पहचान है। मिथिला से बिहार की पहचान है। उक्त समारोह में श्रीमती वीणा झा एंव सखियों के द्वारा माता जानकी उद्भव गीत एंव राम-सीता विवाह की मनोरम झांकी प्रस्तुत की।मिथिला की परम्परानुसार सीता-राम विवाह का रूपक मनोमुग्धकारी ही हृदयाकर्षक रहा। उक्त समारोह को संबोधित करते हुऐ महासचिव प्रो० रमेश झा ने कहां की यदि सीता नहीं होती तो मिथिला शिथला बनी रहती।सीता त्याग की सुचिता की पवित्रता की तथा नारी के शास्वत स्वरूप की धारणी है।समारोह में डा० जयशंकर झा पी०जी० संस्कृत विभाग का उद्गगार लोगों को एक नवीनता का आभास दिलाया।उक्त समारोह में दुर्गा प्रसाद सिंह पुर्व विधायक ने माता सीता को नारी का शास्वत रूप की धारणा को आज के नारी को धारण करने हेतू आग्रह किया।समारोह में कुमारी स्मिता जो सहरसा से चलकर आयी उनके गायन ने लोगों को अतिमुग्ध किया।सांस्कृतिक प्रभारी कृष्ण भगवान झा के आयोजन से गदगद अतिथियों ने भरपूर प्रशंसा की। इस समारोह के अवसर पर दरभंगा से डा० आभा झा, एचडी होम साइंस। ,नागेंद्र झा महिला कॉलेज, डा० आशा झा एच० ओ० डी० हिन्दी विभाग बी०आर०बी० कॉलेज समस्तीपुर, रंजना झा, अखिलेश ठाकुर, फुलभट्ट, प्रभा ठाकुर, वन्दना सिंह, विनोदानंद झा, अरूण कुमार चौधरी, सुरेश सिंह मीडिया प्रभारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाल पर चन्दन कुमार एंव हारमोनियम पर सतीश झा इत्यादि ने समोराह में अपने अपने कलाओं एंव संबोधनों से उपस्थित श्रोताओं को बांधे रखने का काम किया।
समस्तीपुर विधापति परिषद् के तत्वावधान में स्थानीय सागर होटल के सभागार में जानकी नवमी महोत्सव आयोजित किया गया।जानकी नवमी महोत्सव की अध्यक्षता पं० रामानंद झा ने की।उक्त अवसर पर विधापति परिषद् के प्रधान सरंक्षक डा० बुद्धि नाथ मिश्र ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया ।स्वागत सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहां की सम्पूर्ण भारत ही नहीं विश्व में माता जानकी से मिथिला की पहचान है। मिथिला से बिहार की पहचान है। उक्त समारोह में श्रीमती वीणा झा एंव सखियों के द्वारा माता जानकी उद्भव गीत एंव राम-सीता विवाह की मनोरम झांकी प्रस्तुत की।मिथिला की परम्परानुसार सीता-राम विवाह का रूपक मनोमुग्धकारी ही हृदयाकर्षक रहा। उक्त समारोह को संबोधित करते हुऐ महासचिव प्रो० रमेश झा ने कहां की यदि सीता नहीं होती तो मिथिला शिथला बनी रहती।सीता त्याग की सुचिता की पवित्रता की तथा नारी के शास्वत स्वरूप की धारणी है।समारोह में डा० जयशंकर झा पी०जी० संस्कृत विभाग का उद्गगार लोगों को एक नवीनता का आभास दिलाया।उक्त समारोह में दुर्गा प्रसाद सिंह पुर्व विधायक ने माता सीता को नारी का शास्वत रूप की धारणा को आज के नारी को धारण करने हेतू आग्रह किया।समारोह में कुमारी स्मिता जो सहरसा से चलकर आयी उनके गायन ने लोगों को अतिमुग्ध किया।सांस्कृतिक प्रभारी कृष्ण भगवान झा के आयोजन से गदगद अतिथियों ने भरपूर प्रशंसा की। इस समारोह के अवसर पर दरभंगा से डा० आभा झा, एचडी होम साइंस। ,नागेंद्र झा महिला कॉलेज, डा० आशा झा एच० ओ० डी० हिन्दी विभाग बी०आर०बी० कॉलेज समस्तीपुर, रंजना झा, अखिलेश ठाकुर, फुलभट्ट, प्रभा ठाकुर, वन्दना सिंह, विनोदानंद झा, अरूण कुमार चौधरी, सुरेश सिंह मीडिया प्रभारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाल पर चन्दन कुमार एंव हारमोनियम पर सतीश झा इत्यादि ने समोराह में अपने अपने कलाओं एंव संबोधनों से उपस्थित श्रोताओं को बांधे रखने का काम किया।