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अरबों रुपए की घोटाला होने की आशंका ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से संबद्ध महाविद्यालयों में, महाविद्यालय के प्राचार्य, सचिव ,प्रबंधन समिति सहित विश्वविद्यालय संदेह के घेरे में



 राजेश कुमार वर्मा / सुरेश कुमार राय

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के अंतर्गत करीबन 32 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय में करीबन अरबों रुपए की घोटाले किए जाने की चर्चा है ।
   जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा दिए गए अनुदान की राशि से लेकर महाविद्यालय के स्रोतों से होने वाली आय की राशि में भी गबन किए जाने की बातों की चर्चा जोरों पर है ।
बताया जाता है कि अधिकांश महाविद्यालय के प्रबंधक, संस्थापक , सचिव एवं प्राचार्य सत्तारूढ़ या राजनीतिक दलों के नेता है या इनके कालेज है ।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के अंतर्गत मधुबनी ,दरभंगा, समस्तीपुर तथा बेगूसराय मिलाकर कुल 32 कालेजों के प्राचार्य सचिव एवं प्रबंधन समिति तथा सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों के सांठगांठ से अरबों रुपए की घोटाले किए जाने की खबर है ।जानकारी के मुताबिक अपने अपने चहेते को नियम कानून को ताक पर रख अनुदान की राशि और महाविद्यालय के अपने स्रोतों से वसूली गई का खुला नाजायज रूप से बंदरबांट किए गए हैं या गबन। महाविद्यालयों के इस घोटाले में विश्वविद्यालय भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन भी संदेहास्पद है विश्वविद्यालय प्रशासन भी बिना नाजायज राशि के कार्य नहीं करती है समस्तीपुर जिला भी घोटाले से वंचित नहीं रहा ।रोसड़ा स्थित शशि कृष्णा महाविद्यालय थतिया का मामला सरकार से लेकर कुलपति तक पहुंचा है ।वहीं समस्तीपुर मुख्यालय के संत कबीर महाविद्यालय में प्राचार्य ,सचिव एवं प्रबंधन समिति ने अनुदान की आधी राशि शिक्षक और कर्मचारी को दी है लेकिन शेष रुपए के वितरण इसलिए नहीं किए हैं कि सरकार द्वारा मनोनीत विधायक जो अध्यक्ष या सचिव है, उनके द्वारा अनुदान की राशि में कमीशन की मांग पूरी नहीं हो सका है कई शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्राचार्य के प्रयास से अनुदान की राशि वितरण हुई है लेकिन माननीय विधायक जी की मांग पूरी नहीं होने के कारण सेस अनुदान नहीं वितरण हो सका है यही हालत एस.एम.आर.सी.के महाविद्यालय मथुरापुर की भी स्थिति है इससे कहीं ज्यादा दयनीय हालत है यहां तो इंटर डिग्री कॉलेज में कोई अंतर नहीं है इसके सचिव बिहार सरकार में मंत्री भी है इंटर का डिग्री में डिग्री का इंटर के कर्मचारियों में वितरण करने के लिए चर्चित है ।इसी तरह सरायरंजन के केदार संत महाविद्यालय में भी यही हालात है। बताया जाता है कि इस महाविद्यालय के सिक्योरिटी और प्राचार्य बिहार सरकार के पोस्टर नियमावली को भी ताक पर रखकर अपने अपने चहेतों की नियुक्ति की है इतना ही नहीं अनुदान की राशि वितरण में वरीयता का भी ख्याल नहीं रखा गया है क्योंकि इस महाविद्यालय में एक जाति विशेष लोगों का वर्चस्व है ।कमोबेश पूरे बिहार में इसी तरह का माहौल है होली के अवसर पर लगभग बिहार के 250 डिग्री संबंध महाविद्यालय के कर्मचारी और शिक्षक के बीच वेतन और अनुदान की राशि की भुगतान नहीं की गई है पूरे बिहार में अरबों रुपए की घोटाला किए जाने की भी चर्चा है ।इस लूट में सरकार के कई मंत्री और संतरी शामिल है इसकी निष्पक्ष एंव उच्चस्तरीय जांच की जाती है तो अरबों रुपये की घोटाले किऐ जाने की बात उजागर हो सकती हैं।अरबों रुपये की घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग युग क्रांति दल (जनतांत्रिक) के प्रधानमहासिव राजेश कुमार वर्मा ने बिहार के राज्यपाल से प्रेस के माध्यम से मिथिला विश्वविद्यालय से सम्बद्ध प्राप्त कालेज की लेखा पुस्तिका की जांच की मांग किया है। 

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