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जो मिथिला राज्य की बात करेगा, वहीं मिथिला राज्य पर राज करेगा



राजेश कुमार वर्मा

दरभंगा/समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज ) । मिथिला राज्य की मांग को लेकर मिथिला पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक प्रेमजीत झा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुऐ मिथिला पीपुल्स पार्टी की विचार धारा को जनहित में बताया।
  श्री झा ने आगे कहां की मिथिला पीपुल्स पार्टी मिथिलांचल क्षेत्र के विकास न होने के कारण काफी दु:खी है।आज बिहार के मिथिला क्षेत्रीय राज्य के निवासी काफी उपेक्षित है ।मिथिला विकास के मापदंड पर अंतिम पायदान पर है।
मिथिला का अपना इतिहास है , मिथिला का अपना भूगोल है , मिथिला की अपनी पहचान है जो बिहार सरकार मिथिला की पहचान पर अपना अधिकार जमाई बैठी है जब मिथिला राज्य का निर्माण होगा तब मिथिलांचल कहां होगा ऐ जगजाहिर है और मिथिला का अपना पहचान बनेगा देश और दुनिया में शिक्षा के मामले में मिथिला अव्वल रही है और माता जानकी की जन्मभूमि भी है मिथिला।
  श्री झा ने आगे कहां की पावन मिथिला का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है, इसका भौगोलिक क्षेत्र बहुत बड़ा है। देश को चलाने वाली सत्तासीन सरकार मिथिला को पार्ट पार्ट में बरसों से खंडित करते चली आ रही है ।वर्तमान में झारखंड राज्य के देवघर जिला दुमका शिवपुर कुल झारखंड के 6 जिले वह भी मिथिलांचल का ही अंग है ।
 मुजफ्फरपुर वैशाली पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण सीतामढ़ी शिवहर का क्षेत्र भाग भी मिथिलांचल का पश्चिमी भाग है एवं दरभंगा समस्तीपुर मधुबनी बेगूसराय खगड़िया सहरसा सुपौल यह सब मिथिलांचल का मध्य भाग है एवं मधेपुरा अररिया किशनगंज पूर्णिया फारबिसगंज यह सब मिथिलांचल के पूर्वी क्षेत्र में आता है।
  यहां पर रहने वाले लोगों की मातृभाषा मैथिली है जो कि देश और राज्य के सरकारों के द्वारा अष्टम सूची में दर्ज है।जबरदस्ती यहां के लोगों की मात्रृभाषा हिंदी लिखवा दिया जाता है जनगणना के वक्त एक एग्जाम में परीक्षार्थी को मातृभाषा के जगह हिंदी लिखवाया जाता है जबकि इस क्षेत्र का मातृभाषा मैथिली है और मैथिली भाषा का अपनी लिपि है तिरहुता लिपि और कैथी लिपि इसके बावजूद भी बिहार सरकार मैथिली को अब तक राज्य भाषा में घोषित नहीं किया। भागलपुर जमुई लखीसराय शेखपुरा के लोग भी मैथिली ही बोलते हैं, इतना होते हुए भी मैथिली आज प्रथम पायदान पर राज्य भाषा नहीं बन पाई है इसके लिए भाषा के पहचान के लिए मिथिला पीपुल्स पार्टी ने मिथिला राज्य निर्माण जन आंदोलन की तैयारी की शुरुआत में है ।
तथा मिथिला क्षेत्र के बंद पड़े चीनी मिल बंद हुए जूट मिल बंद हो गए पेपर मिल बंद हो गए राइस मिल को भी खुलवाने का यत्न किया जाएगा।अगर राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिथिलांचल के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाती तो आज हमारे यहां का उद्योग हमारे यहां की चीनी मिल पेपर मिल जूट मिल बंद नहीं होती ऐ सारी आम विकासात्मक समसमायिक योजना की समस्या सामने है और आप लोगों को अस्पष्ट दिखाई दे रहा है।
 आगे उन्होंने कहा की जो व्यवहार मिथिला के साथ केंद्र और राज्य सरकार कर रही है वो लोग कैसी नियत रखते है मिथिला वासियों के साथ जगजाहिर है।
 श्री झा ने आगे कहा कि मेडिकल डिपार्टमेंट हो या फिर शिक्षा की व्यवस्था मिथिलांचल में सब चौपाट स्थिति में चल रही है सरकारी अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है ,सरकारी स्कूल में किताब उपलब्ध नहीं है, उच्च स्तर की शिक्षा व्यवस्था चौपट है ।आज किसी भी तरह से मिथिलांचल क्षेत्र में विकास नजर नहीं आ रहा है।
  श्री झा ने आगे कहा की मिथिला पीपुल्स पार्टी किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति का विरोध नहीं करती है करती है तो सिर्फ सत्ता लोलुपों की।मिथिला पीपुल्स पार्टी जनता के हित के लिए स्थापित किए गए सत्तासीन जनप्रतिनिधियों एंव प्रशासन कार्यशैली पर विरोध जताती है। जो की आज सरकार में जनविरोधी बन बैठी है।
 जिस सरकार को जनता ने स्थापित किया वहीं सरकार ने भोली भाली जनता को राजनीतिक रूप से अपनी फायदा को देखते हुए मिथिलांचल के लोगों को मन मस्तिष्क के साथ खिड़वार करती आ रही है और लॉलीपॉप के माध्यम से जनमानस के दिलों पर ठेस बरसों से देती आ रही है चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार।
  श्री झा ने आगे कहा की मिथिला क्षेत्र वासियों का विकास का एक मात्र विकल्प है मिथिला राज्य का निर्माण होना।
" जो मिथिला राज्य की बात करेगा , वही मिथिला पर राज करेगा" ।

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