राजेश कुमार वर्मा
पटना/समस्तीपुर हिंसक गेम खेलने वाले बच्चों में नकारात्मक अभिव्यक्ति बढ रहा है।मसलन माता-पिता की बात न मानना व छोटे भाई-बहन को पीटना अहम व्यवहारिक समस्या बनकर आ रहा है।इस समस्या से ग्रस्त स्टुडेन्टस टीचर्स के प्रति भी अव्यावहारिक होते जा रहे है।बात-बात पर मारपीट व जल्दी अपना आपा खोने की समस्या उत्पन्न होती जा रही हैं ।माता-पिता को ऐसी स्थिति में सब्र से काम लेने की दरकार है। बेहतर संवाद व प्रतिदिन के सकारात्मक कार्यों से प्रभावित बच्चों को जोङकर उनकी मदद की जा सकती है। संपूर्ण समाज को इस विषय पर सजग होने की जरूरत है।उपरोक्त कथन डॉ० मनोज कुमार मनोवैज्ञानिक चिकित्सक का कहना हैं।
पटना/समस्तीपुर हिंसक गेम खेलने वाले बच्चों में नकारात्मक अभिव्यक्ति बढ रहा है।मसलन माता-पिता की बात न मानना व छोटे भाई-बहन को पीटना अहम व्यवहारिक समस्या बनकर आ रहा है।इस समस्या से ग्रस्त स्टुडेन्टस टीचर्स के प्रति भी अव्यावहारिक होते जा रहे है।बात-बात पर मारपीट व जल्दी अपना आपा खोने की समस्या उत्पन्न होती जा रही हैं ।माता-पिता को ऐसी स्थिति में सब्र से काम लेने की दरकार है। बेहतर संवाद व प्रतिदिन के सकारात्मक कार्यों से प्रभावित बच्चों को जोङकर उनकी मदद की जा सकती है। संपूर्ण समाज को इस विषय पर सजग होने की जरूरत है।उपरोक्त कथन डॉ० मनोज कुमार मनोवैज्ञानिक चिकित्सक का कहना हैं।