राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर जिले के रोसड़ा अनुमंडल में पहली बार एक दारोगा की करतूत ने खाकी को शर्मसार करते हुए देशभर के पुलिसअधिकारियों पर बदनुमा दाग लगाने का काम किया है।दरोगा द्वारा तीन आरोपियों को बचाने के एवज में डीएसपी साहब एंव अन्य के नाम पर पन्द्रह हजार रुपये की मांग और राशि लेते हुऐ वायरल वीडियो को लेकर शिवाजीनगर सहायक थाना के एसआई श्रीराम दूबे के खिलाफ एसपी द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद गुरुवार को पूरे अनुमंडल के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं वायरल विडियों के अनुसार हुऐ वार्ता में तीन लोगों का नाम हटाना है,कितना है.?? १५ हजार नहीं पांच और दीजिए ,डीएसपी साहब को भी देना है।इससे काम नहीं चलेगा पहले ही १० कम कर दिऐ हैं।फिर ५००-५०० सौ रुपये का नोट गिनते नजर आ रहे हैं।मालूम हो की विगत मार्च महीने में शिवाजीनगर के नर्सिंग चौक के पास हुऐ सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी ,जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हुआ था।घटना के बाद लोगों ने घटनास्थल पर काफी हो हंगामा भी किया साथ ही थाने पर पत्थरबाजी व तोडफ़ोड़ भी किया गया था।इस दौरान आक्रोशित लोगों ने थाने के सामने लगे वाहन में भी आग लगा दिया था ।दूसरी तरफ जब स्थानीय लोग सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को लेकर शिवाजीनगर पीएचसी पहुंचे और वहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं देख आक्रोशित हो लोगों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ की।पीएचसी में तोडफ़ोड़ करने को लेकर दर्जनों लोगों पर नामजद एंव चार दर्जन से भी अधिक अग्यात पर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया ।इस मामले में अनुसंधान कर्ता दरोगा श्रीराम दूवे को बनाया गया।इसी मामले में नामजद आरोपी अजय मंडल, गौरा एंव सुभाष यादव का नाम सुपरविजन में हटाने के बदले पैरवीकार से रूपये की मांग की गई।पैरवी करने वाले रूपये के साथ ही नाम पता सूची दरोगा को थमाते है।घूस लेने की विडियों वायरल होते ही पुलिस महकमा में सनसनी फैल गई।पुलिस महानिरीक्षक दरभंगा के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने रोसड़ा एसडीपीओ कार्यालय पहुंच कर एसआई को हिरासत में लेने का आदेश दिया। दरोगा श्री राम दूबे को हिरासत में लिए जाने के बाद शिवाजीनगर थाना लाया गया। जहां एसपी ने उसके आवास की तलाशी कराते हुऐ इस दौरान कमरे की वीडियोग्राफी भी करायी । हालांकि पुलिस अभी इस संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। शिवाजीनगर थानाध्यक्ष ने बताया कि एसपी द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। विभिन्न बिन्दुओं पर तहकीकात की जा रही है।शिवाजीनगर ओपी अध्यक्ष कृष्णकांत मंडल के व्यान पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुऐ भ्रष्टाचार के आरोपी बने दरोगा को पदच्युत निलंबित करते हुए उनके पास के सरकारी हथियार जब्त करते हुऐ गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोषी एसआई के कमरे एंव हथियार को थानाध्यक्ष के कब्जे में दे दिया गया है।इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक रोषड़ा भी संदिग्ध नजर आ रहे हैं।मामले की अनुसंधान की जिम्मेदारी पटोरी के एसडीपीओ को सौंपा गया है।गिरफ्तार कर दरोगा पर विभागीय कार्यवाई शुरू की जाएगी।
श्रीमती कौर ने कहां की पुछताछ के दर्मियान इन्होंने तीन व्यक्तियों के नाम पर ५-५ हजार रूपये अवैध राशि मांगने की बात स्वीकार करते हुए अवैध राशि लेने की बात स्वीकार किया है।पुलिस उपाधीक्षक को भी संदेह के घेरे में रखा गया है।वहीं इस कार्रवाई के बाद से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया है।बताया जाता है कि दो दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो की काफी चर्चा हो रही थी। जो दरोगा की गिरफ्तारी होते ही चर्चित हो रहा है पुलिसअधिकारियों की कार्यशैली का विस्तृत वर्णन।
इस तरह पुलिस प्रशासन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पुलिस कर्मियों की फोटो व वीडियो को लेकर पूरे जिले के पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं । जिलावासियों में इस तरह के वायरल हो रहे वीडियो से पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है।
समस्तीपुर जिले के रोसड़ा अनुमंडल में पहली बार एक दारोगा की करतूत ने खाकी को शर्मसार करते हुए देशभर के पुलिसअधिकारियों पर बदनुमा दाग लगाने का काम किया है।दरोगा द्वारा तीन आरोपियों को बचाने के एवज में डीएसपी साहब एंव अन्य के नाम पर पन्द्रह हजार रुपये की मांग और राशि लेते हुऐ वायरल वीडियो को लेकर शिवाजीनगर सहायक थाना के एसआई श्रीराम दूबे के खिलाफ एसपी द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद गुरुवार को पूरे अनुमंडल के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं वायरल विडियों के अनुसार हुऐ वार्ता में तीन लोगों का नाम हटाना है,कितना है.?? १५ हजार नहीं पांच और दीजिए ,डीएसपी साहब को भी देना है।इससे काम नहीं चलेगा पहले ही १० कम कर दिऐ हैं।फिर ५००-५०० सौ रुपये का नोट गिनते नजर आ रहे हैं।मालूम हो की विगत मार्च महीने में शिवाजीनगर के नर्सिंग चौक के पास हुऐ सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी ,जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हुआ था।घटना के बाद लोगों ने घटनास्थल पर काफी हो हंगामा भी किया साथ ही थाने पर पत्थरबाजी व तोडफ़ोड़ भी किया गया था।इस दौरान आक्रोशित लोगों ने थाने के सामने लगे वाहन में भी आग लगा दिया था ।दूसरी तरफ जब स्थानीय लोग सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को लेकर शिवाजीनगर पीएचसी पहुंचे और वहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं देख आक्रोशित हो लोगों ने अस्पताल में तोडफ़ोड़ की।पीएचसी में तोडफ़ोड़ करने को लेकर दर्जनों लोगों पर नामजद एंव चार दर्जन से भी अधिक अग्यात पर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया ।इस मामले में अनुसंधान कर्ता दरोगा श्रीराम दूवे को बनाया गया।इसी मामले में नामजद आरोपी अजय मंडल, गौरा एंव सुभाष यादव का नाम सुपरविजन में हटाने के बदले पैरवीकार से रूपये की मांग की गई।पैरवी करने वाले रूपये के साथ ही नाम पता सूची दरोगा को थमाते है।घूस लेने की विडियों वायरल होते ही पुलिस महकमा में सनसनी फैल गई।पुलिस महानिरीक्षक दरभंगा के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने रोसड़ा एसडीपीओ कार्यालय पहुंच कर एसआई को हिरासत में लेने का आदेश दिया। दरोगा श्री राम दूबे को हिरासत में लिए जाने के बाद शिवाजीनगर थाना लाया गया। जहां एसपी ने उसके आवास की तलाशी कराते हुऐ इस दौरान कमरे की वीडियोग्राफी भी करायी । हालांकि पुलिस अभी इस संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। शिवाजीनगर थानाध्यक्ष ने बताया कि एसपी द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। विभिन्न बिन्दुओं पर तहकीकात की जा रही है।शिवाजीनगर ओपी अध्यक्ष कृष्णकांत मंडल के व्यान पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुऐ भ्रष्टाचार के आरोपी बने दरोगा को पदच्युत निलंबित करते हुए उनके पास के सरकारी हथियार जब्त करते हुऐ गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोषी एसआई के कमरे एंव हथियार को थानाध्यक्ष के कब्जे में दे दिया गया है।इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक रोषड़ा भी संदिग्ध नजर आ रहे हैं।मामले की अनुसंधान की जिम्मेदारी पटोरी के एसडीपीओ को सौंपा गया है।गिरफ्तार कर दरोगा पर विभागीय कार्यवाई शुरू की जाएगी।
श्रीमती कौर ने कहां की पुछताछ के दर्मियान इन्होंने तीन व्यक्तियों के नाम पर ५-५ हजार रूपये अवैध राशि मांगने की बात स्वीकार करते हुए अवैध राशि लेने की बात स्वीकार किया है।पुलिस उपाधीक्षक को भी संदेह के घेरे में रखा गया है।वहीं इस कार्रवाई के बाद से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया है।बताया जाता है कि दो दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो की काफी चर्चा हो रही थी। जो दरोगा की गिरफ्तारी होते ही चर्चित हो रहा है पुलिसअधिकारियों की कार्यशैली का विस्तृत वर्णन।
इस तरह पुलिस प्रशासन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पुलिस कर्मियों की फोटो व वीडियो को लेकर पूरे जिले के पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं । जिलावासियों में इस तरह के वायरल हो रहे वीडियो से पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है।