अपराध के खबरें

प्रशासनिक अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण नावालिंग युवती के हत्यारे को दो माह बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी नहीं

राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर जिले के सिंघिया थानान्तर्गत हरदिया गांव में ५ अप्रैल १९ को एक नावालिंग लड़की को बगल वाले गांव के ही अपराधी प्रवृत्ति के लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किए जाने के बाद जिंदा जलाकर मार डाला गया था।उस जघन्य हत्याकांड के बचे हुऐ नामजद आरोपी को पुलिस प्रशासन द्वारा दो महीने बाद भी गिरफ्तार करने की तोहमत नहीं उठाया जाना पुलिसअधिकारियों की लालफीताशाही कार्य करने जैसा प्रतीत होता है।
प्रशासनिक अधिकारियों से घटनापरांत आरोपियों को गिरफ्तार करने की विगत दो माह से लगातार गुहार लगाकर थक चुके मृतक नावालिंग लड़की के पिता सरोज साह हरदिया निवासी ने मीडिया दर्शन के साथ ही मिथिला हिंदी न्यूज पोर्टल को अपनी दुखदायी घटना को बताते हुए कहां की विगत ५ अप्रैल १९ को मेरी पुत्री लक्ष्मी कुमारी (११ वर्ष) के साथ कुछ कतिपय लोगों द्वारा सामुहिक बलात्कार करने के बाद जिन्दा जलाकर मार दिया गया।जिसकी नामजद प्राथमिकी सिंघिया थाना में मृतक के शव केअंतपरीक्षण उपरांत ६ अप्रैल १९ को घटनारोपी ऋषिकेश कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह पुत्र दिलीप कुमार सिंह(शिक्षक), राजबर्धन सिंह उर्फ मोनू सिंह पुत्र मनोज कुमार सिंह(शिक्षक), रौशन कुमार सिंह उर्फ टोनू सिंह पुत्र स्व० राजकुमार सिंह ग्राम मिल्की निवासियों पर नामजद मुकदमा कांड संख्या ३८/१९ दर्ज किया गया।लेकिन दो माह बीत गया लेकिन लेकिन तीसरा नामजद अभियुक्त रौशन कुमार सिंह आरोपी को पुलिस द्वारा आजतक गिरफ्तार नहीं किया।इसको लेकर कई बार वरीय पुलिसअधिकारियों से गुहार लगाकर थक चुका हूं लेकिन नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और जानमाल की क्षति करने की धमकी देते हैं।
आगे कहां की जबकि इस केस का संग्यान पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर सहित कई वरीय जिला प्रशासनिकअधिकारियों के पास दर्ज है।लेकिन प्रशासनिक चुप्पी छाये रहने के कारण जिले में बलात्कार पर बलात्कार होते जा रहा है और बलात्कारी खुलेआम घुम रहे है और पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारी बलात्कारियों के पीछे पड़ने के बजाय दारू शराब माफियाओं के पीछे दौर लगा रही है।ऐसे में हम गरीब लोग जिला प्रशासन के साथ ही पुलिसअधिकारी से क्या आशा और उम्मीद रखें ऐ भगवान भरोसे छोड़ रखें हैं..?? घटना के दो माह से उपर बीतने को चला सभी आरोपियों पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है इसके बावजूद भी एफ.एम.एल. रिपोर्ट आजतक नहीं दिया जाना कहां तक औचित्य हैं ऐ जांच करने पर ही पता चलेगा।फिलहाल पीडि़त परिवार न्याय के लिऐ दर दर भटकने पर मजबूर है। 

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