राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर आशा सेवा संस्थान एवं एन जी ओ संघ समस्तीपुर के संयुक्त तत्वावधान में चमकी बुखार को लेकर एक दिवसीय जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन स्थानीय प्रभावती रामदुलारी उच्च विद्यालय कर्पूरी ग्राम में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य धीरेंद्र मोहन मुकुल ने की कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा ने का(ऐईएस/ जुमानी इंसेफलाइटिस / दिमागी बुखार /नवकी बीमारी के बारे में कहा की यह एक गंभीर बीमारी है जो ससमय इलाज से ठीक हो सकता है । अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है । 1से 15 वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं । मस्तिष्क ज्वर के पहचान एवं इसके लक्षण शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में घरघराहट होना ।सरदर्द , तेज बुखार आना जो 5 - 7 दिनों ज्यादा का ना हो । पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना या हाथ पैर में अकड़ आना बच्चे का बेहोश हो जाना । बच्चें का शारीरिक संतुलन ठीक नहीं होना इस लक्षणों में से एक भी लक्षण दिखे तो अविलंब बच्चे को नजदीक के प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेफरल अस्पताल/ अनुमंडलीय अस्पताल / सदर अस्पताल में ले जाएं । बीमारी की शुरूआती दौर में ही पता चलने एवं ईलाज कराने से मरीज की जान बचाई जा सकती है । एन० जी०ओ० संघ के सचिव संजय कुमार बब्लू ने उपस्थित जनसमूह को कहा की मस्तिष्क ज्वर के बच्चों की पहचान होने पर क्या करना चाहिए : मस्तिष्क ज्वर के मरीजों की पहचान होने पर तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे एवं पंखें से हवा करे ताकि बुखार 100°F से कम हो सके । बच्चे को कम्बल या गर्म कपड़ों में न लपेटे साथ ही मरीज के पास शोर न हो . यदि मरीज के मुँह से झाग या लार बार - बार व ज्यादा निकल रहा है तो साफ पट्टी या कपड़े से मरीज का मुँह साफ करते रहें । बच्चे के ईलाज के लिए ओझा गुणी में समय नष्ट न करें ।संस्था द्वारा रोगी के लिए ग्लुकोज एवं अन्य सामग्रियों की भी सुविधा भी दी जा रही है।धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार वर्मा ने किया।
समस्तीपुर आशा सेवा संस्थान एवं एन जी ओ संघ समस्तीपुर के संयुक्त तत्वावधान में चमकी बुखार को लेकर एक दिवसीय जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन स्थानीय प्रभावती रामदुलारी उच्च विद्यालय कर्पूरी ग्राम में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य धीरेंद्र मोहन मुकुल ने की कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा ने का(ऐईएस/ जुमानी इंसेफलाइटिस / दिमागी बुखार /नवकी बीमारी के बारे में कहा की यह एक गंभीर बीमारी है जो ससमय इलाज से ठीक हो सकता है । अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है । 1से 15 वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं । मस्तिष्क ज्वर के पहचान एवं इसके लक्षण शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में घरघराहट होना ।सरदर्द , तेज बुखार आना जो 5 - 7 दिनों ज्यादा का ना हो । पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना या हाथ पैर में अकड़ आना बच्चे का बेहोश हो जाना । बच्चें का शारीरिक संतुलन ठीक नहीं होना इस लक्षणों में से एक भी लक्षण दिखे तो अविलंब बच्चे को नजदीक के प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रेफरल अस्पताल/ अनुमंडलीय अस्पताल / सदर अस्पताल में ले जाएं । बीमारी की शुरूआती दौर में ही पता चलने एवं ईलाज कराने से मरीज की जान बचाई जा सकती है । एन० जी०ओ० संघ के सचिव संजय कुमार बब्लू ने उपस्थित जनसमूह को कहा की मस्तिष्क ज्वर के बच्चों की पहचान होने पर क्या करना चाहिए : मस्तिष्क ज्वर के मरीजों की पहचान होने पर तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे एवं पंखें से हवा करे ताकि बुखार 100°F से कम हो सके । बच्चे को कम्बल या गर्म कपड़ों में न लपेटे साथ ही मरीज के पास शोर न हो . यदि मरीज के मुँह से झाग या लार बार - बार व ज्यादा निकल रहा है तो साफ पट्टी या कपड़े से मरीज का मुँह साफ करते रहें । बच्चे के ईलाज के लिए ओझा गुणी में समय नष्ट न करें ।संस्था द्वारा रोगी के लिए ग्लुकोज एवं अन्य सामग्रियों की भी सुविधा भी दी जा रही है।धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार वर्मा ने किया।