राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के डेकारी गांव से अपहृत प्रिती कुमारी का महीनों बाद भी स्थानीय थाने के अनुसंधानकर्ता रवींद्र कुमार को कोई अतापता नहीं चलने के कारण अपहृता की मोसेमात मां फुलकुमारी देवी दर दर भटकने को मजबूर हैं।
बताया जाता हैं की विगत महीने ११ तारीख को खानपुर के डेकारी गांव की रहनेवाली मोसेमात फुलकुमारी देवी की नावालिग बच्ची प्रिती कुमारी को गांव के ही कृष्णा कुमार, दिलीप महतो व दिलीप महतो की पत्नी इत्यादि ने मिलकर कोचिंग पढ़ने जाने के दरम्यान अपहरण कर लिया गया जिसका नामजद रिपोर्ट खानपुर थाने में कांड संख्या ७४/१९ दर्ज है। बताया जाता है की मो० फुलकुमारी देवी अपनी नावालिग लड़की की बरामदगी व जान माल की सुरक्षा हेतू स्थानीय पुलिस प्रशासन सहित जिले के पुलिस अधीक्षक एंव पुलिस महानिरीक्षक सहित पुलिस महानिदेशक एंव मुख्यमंत्री बिहार सरकार पटना तक से आवेदन देकर थक चुकी है ।बहरहाल थक हार कर मानवाधिकार आयोग से गुहार अपनी बच्ची की सकुशल बरामदगी हेतू लगाई है।
इस संदर्भ में स्थानीय थाने से केस से संबंधित प्रोगेसिव जानकारी मांगी गई तो मामला प्रेम प्रसंग का बताकर अपना पल्ला झार लिया।ताजुब्ब की बात है की थाने ने नामजद रिपोर्ट होने के बावजूद और अपहरणकर्ता अपहृत के घर से दो चार घर की दूरी पर मौजूद है फिर अनुसंधान कर्ता पुलिसकर्मी या स्थानीय थाने के पुलिस प्रशासन गांव में आज तक जाना गंवारा नहीं समझे जिससे अपहृत की अपहरण हुए महीनों बीतने को आया लेकिन अपहृत का सुराग तक पुलिस नहीं लगा सकी है।
समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के डेकारी गांव से अपहृत प्रिती कुमारी का महीनों बाद भी स्थानीय थाने के अनुसंधानकर्ता रवींद्र कुमार को कोई अतापता नहीं चलने के कारण अपहृता की मोसेमात मां फुलकुमारी देवी दर दर भटकने को मजबूर हैं।
बताया जाता हैं की विगत महीने ११ तारीख को खानपुर के डेकारी गांव की रहनेवाली मोसेमात फुलकुमारी देवी की नावालिग बच्ची प्रिती कुमारी को गांव के ही कृष्णा कुमार, दिलीप महतो व दिलीप महतो की पत्नी इत्यादि ने मिलकर कोचिंग पढ़ने जाने के दरम्यान अपहरण कर लिया गया जिसका नामजद रिपोर्ट खानपुर थाने में कांड संख्या ७४/१९ दर्ज है। बताया जाता है की मो० फुलकुमारी देवी अपनी नावालिग लड़की की बरामदगी व जान माल की सुरक्षा हेतू स्थानीय पुलिस प्रशासन सहित जिले के पुलिस अधीक्षक एंव पुलिस महानिरीक्षक सहित पुलिस महानिदेशक एंव मुख्यमंत्री बिहार सरकार पटना तक से आवेदन देकर थक चुकी है ।बहरहाल थक हार कर मानवाधिकार आयोग से गुहार अपनी बच्ची की सकुशल बरामदगी हेतू लगाई है।
इस संदर्भ में स्थानीय थाने से केस से संबंधित प्रोगेसिव जानकारी मांगी गई तो मामला प्रेम प्रसंग का बताकर अपना पल्ला झार लिया।ताजुब्ब की बात है की थाने ने नामजद रिपोर्ट होने के बावजूद और अपहरणकर्ता अपहृत के घर से दो चार घर की दूरी पर मौजूद है फिर अनुसंधान कर्ता पुलिसकर्मी या स्थानीय थाने के पुलिस प्रशासन गांव में आज तक जाना गंवारा नहीं समझे जिससे अपहृत की अपहरण हुए महीनों बीतने को आया लेकिन अपहृत का सुराग तक पुलिस नहीं लगा सकी है।