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पटोरी अंचलाधिकारी पर लगाया मजदूरी गवन करने का आरोप, काम के एवज में नहीं मिला मजदूरों लोगों का अपना मजदूरी पंद्रह वर्षों से बकाया भुगतान लम्बित


राजेश कुमार वर्मा

 समस्तीपुर जिले के बिरसिंहपुर पंचायत अंतर्गत अकबरपुर गांव के एक नाव कारोबारी, नौकरशाही, सरकारी महकमे से तंग आकर अपनी हक के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखा है पत्र।

           आपको बताते चलें कि बिरसिंहपुर पंचायत के नाव कारोबारी महेंद्र सहनी पिता स्वर्गीय जानकी सहनी बाढ़ की विभीषिका में नाव की आवश्यकता  को देखते हुए बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में भाड़े पर नाव उपलब्ध कराता था । लेकिन अब उनका धैर्य पूर्ण रूप से तब टूट गया, जब  उनके नाव का किराया, खेवट का मजदूरी, एवं नाव के मुआवजा के लिए 15 साल से जिलाधिकारी समस्तीपुर एवं कल्याणपुर अंचलाधिकारी,पटोरी अंचलाधिकारी का चक्कर लगाते लगाते मरने की स्थिति में पहुंच चुका है महेंद्र सहनी का बताना है कि हम आपदा प्रबंधन जैसे बाढ़ की विभीषिका में पदाधिकारियों के आदेशानुसार नाव उपलब्ध करते कराते थे । जब वर्ष 2003 में गंगा नदी के पानी से पटोरी मोहनपुर जब जलमग्न हो गया था तब हमें कल्याणपुर के अंचलाधिकारी ने नाव उपलब्ध कराने को कहा था ।जिसके बाद इन्होंने 9 नाव कल्याणपुर के अंचलाधिकारी के आदेश पर पटोरी अंचलाधिकारी  चंदन कुमार को उपलब्ध कराया । जब बाढ़ का पानी धीरे धीरे खत्म हो गया तब जाकर बहुत दिनों के बाद हमें आठ 8 नाव ही वापस मिला। इसके बाद महेंद्र सहनी के द्वारा कल्याणपुर अंचलाधिकारी शिव कुमार ठाकुर से मिलकर कहा कि साहब मैंने 9 नाव आपके माध्यम से भेजा था। जिसमें से 8 नाव हीं  वापस आया है जहां अंचलाधिकारी  का कहना हुआ कि नाव कहीं पानी में भस गया है। जिसके वजह से 8 ही 8 का आपको मुआवजा के साथ केवट की मजदूरी एवं नाव भाड़ा मिल जाएगा।जिसके बाद मै अंचलाधिकारी कल्याणपुर और अंचलाधिकारी पटोरी से अपने भाड़ा,मुआवजा, और मजदूरी की मांग की गई तब सभी पदाधिकारी के द्वारा आज मिलेगा, कल मिलेगा, परसों मिलेगा, इस तरह वर्ष 2003 से सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है जिससे ऊबकर  महेंद्र सहनी ने दरभंगा कमिश्नर से मिलकर अपनी मजदूरी के भुगतान करने का गुहार लगाने लगा। जिसके बाद कमिश्नरी  द्वारा समस्तीपुर जिलाअधिकारी को पत्र लिखकर  महेंद्र सहनी को भाड़ा के साथ ही मुआवजा एवं मजदूरी भुगतान देने को कहा गया । लेकिन जिलाधिकारी के द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया।मजबूर होकर महेंद्र सहनी के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार सरकार एवं राज्यपाल को पत्र लिखा गया लेकिन वहां भी किसी प्रकार का कोई सुनवाई  या कारवाई नहीं  की गई तब जाकर इस सभी से आजिज होकर महेंद्र सहनी के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत सरकार, एवं राष्ट्रपति महोदय को पत्र भेजकर अपने साथ हो रहे अन्याय से अवगत करवाया । जहां से प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव के द्वारा मोबाइल से महेंद्र सहनी से सीधे संवाद कर पूरी मामले की जानकारी ली गई। जहां से विभागीय कार्रवाई करते हुए जिला आपदा प्रबंधन लोक निष्पादन विभाग को पत्र भेजा गया ।जिसपर आपदा प्रबन्धन द्वारा 30,000 कुछ रुपए पटोरी अंचलाधिकारी चंदन कुमार को भेजा गया । जिसके बाद महेंद्र सहनी को पटोरी  अंचलाधिकारी बुलाया और आधार कार्ड, पासबुक देने की बातें कहीं जिसके बाद दिनांक 18-2-2019 को सारा पेपर अंचलाधिकारी को दिया गया लेकिन इन चार महीनों में इनके अकाउंट पर पैसा अभी तक नहीं भेजा आखिर पैसा आने के बाद भी इनका मजदूरी इन कुर्सी पर बैठे पदाधिकारियों के द्वारा क्यों नहीं दिया जा रहा है क्या पैसे की गवन पटोरी अंचलाधिकारी  के  द्वारा कर दी गई है या फिर सभी इनके मरने का इंतजार कर रहे हैं अब देखना यह है कि जो लोग बाढ़ की विभीषिका में वर्ष 2013 में लोगों की सुरक्षा में नाव उपलब्ध कराया था अब वह अपने मुआवजे के लिए इन 15 सालों में दर-दर की ठोकरें खा रहा है और अपनी जिंदगी की अंतिम सांसे गिन रहा है क्या उनको उनका हक समस्तीपुर जिलाधिकारी दिलाने में सफल रहेंगे या फिर अगले 15 सालों तक महेंद्र सहनी  के मरने का इंतजार करेंगे। 

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