राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर जिले के नागरिकों के लिए सरकार द्वारा बैंक से रुपये निकालने में हो रही परेशानियों को देखते हुए सरकारी आदेश पर बैंक द्वारा एटीएम से रूपये निकालने की सुविधाएं उपलब्ध कराया गया लेकिन बैंक कर्मचारियों की मनमानी और सफेद धन की कमी के कारण किसी भी बैंकों के एटीएम मशीन में पर्याप्त मात्रा में राशि उपलब्ध नहीं हो रहा है जिससे कि आमजन बिना बैंक गए रूपये की निकासी कर सके।एटीएम मशीन से रूपये की निकासी नहीं होने के कारण जरूरत मंदों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। बताया जाता है आज दिनांक 09 जून 2019 को शहर में स्थित चाय की दुकान पर चाय पर चर्चा चल ही रही थी की एक युवक बुलेट से आता है और कहता है की सुबह से अभी तक लगभग 08-10 ATM गया, लेकिन कहीं से भी पैसे की निकासी नहीं हो पायी। मैं थोड़ा उत्सुक हुआ और प्रश्न कर बैठा की क्यों पैसा नहीं निकल पाया। उसने बताया की कहीं भी ATM में पैसा है ही नहीं। मुझे याद आ गया लगभग 02 वर्ष पहले का वाकया, जब नोटबंदी के लगभग साल भर बाद कुछ महीने के लिए देश में ऐसी स्थिति बन गयी थी की आप ATM तो छोड़िए, बैंक जाकर भी अपने पैसे की निकासी नहीं कर सकते थे।ताजुब्ब की बात है की समस्तीपुर शहर सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई अन्य बैंकों द्वारा एटीएम मशीन की सुविधा जनमानस के लिऐ उपलब्ध तो है लेकिन एटीएम मशीन शोभा की वस्तु बनकर रह गया है क्योंकि अधिकांश एटीएम मशीन में रूपये पर्याप्त नहीं है।एक दो को छोड़कर अधिकांश एटीएम मशीन में रूपये डाला ही नहीं जा रहा है।जिससे की आमजन को बैंक जाने की आवश्यकता ना पड़ सकता है लेकिन बैंक जाना लोगों की मजबूरी बन गया है और घंटों बैंक में लाईन में खड़े होकर लगे रहना और समय बीतने पर बिना रुपये के घर को वापस लौटना ।महीनों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है ।आश्चर्य की बात है की जब एक ATM को चलाने में हजार से लाख रुपए सरकार प्रतिमाह खर्च करती है और फिर भी उसका फायदा आम जनमानस को नहीं मिले, तो हम क्यों न शक करें की ये भी एक सरकारी घोटाला है, जो सरकार के संरक्षण में चल रही है।