राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर मंडल कारा द्वारा विगत २५ मई को आयोजित लोक अदालत के समक्ष दोष स्वीकार करने वाले कैदियों की सूची में भारी अनियमितता बरती गई है । मात्र एक कैदी द्वारा दोष स्वीकार करने की सूची विधिक सेवा प्राधिकार को पत्रांक ५२१ /२१.५.१९ द्वारा दिये गए जिससे ऐसा लगता है कि पूरे मंडल कारा के बंदी निर्दोष है इसलिए मात्र एक कैदी अपनी दोष स्वीकार किया है।जबकि मंडल कारा में काफी मात्रा में बंदी न्यायालय में अपने दोष स्वीकार कर सजा भुगत रहे हैं जबकि मंडल कारा से एकमात्र दोषी करार की सूची भेजी गई हैं।जबकि एक बंदी का सूची में नाम जाना आश्चर्यजनक है।लोक अदालत के नाम पर डीएलएस समस्तीपुर द्वारा कागजी खानापूर्ति करने जैसा प्रतीत होता है।व्यवहार न्यायालय एंव विधिक लोक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर में कई वर्षों से विभिन्न पदों पर आसिन हैं कई कर्मचारी जिसके कारण न्यायिक कार्यों में काफी अनियमितता दिखाई देता है और न्यायर्थियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
समस्तीपुर मंडल कारा द्वारा विगत २५ मई को आयोजित लोक अदालत के समक्ष दोष स्वीकार करने वाले कैदियों की सूची में भारी अनियमितता बरती गई है । मात्र एक कैदी द्वारा दोष स्वीकार करने की सूची विधिक सेवा प्राधिकार को पत्रांक ५२१ /२१.५.१९ द्वारा दिये गए जिससे ऐसा लगता है कि पूरे मंडल कारा के बंदी निर्दोष है इसलिए मात्र एक कैदी अपनी दोष स्वीकार किया है।जबकि मंडल कारा में काफी मात्रा में बंदी न्यायालय में अपने दोष स्वीकार कर सजा भुगत रहे हैं जबकि मंडल कारा से एकमात्र दोषी करार की सूची भेजी गई हैं।जबकि एक बंदी का सूची में नाम जाना आश्चर्यजनक है।लोक अदालत के नाम पर डीएलएस समस्तीपुर द्वारा कागजी खानापूर्ति करने जैसा प्रतीत होता है।व्यवहार न्यायालय एंव विधिक लोक सेवा प्राधिकार समस्तीपुर में कई वर्षों से विभिन्न पदों पर आसिन हैं कई कर्मचारी जिसके कारण न्यायिक कार्यों में काफी अनियमितता दिखाई देता है और न्यायर्थियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।