अपराध के खबरें

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 में गुणवत्ता एवं व्यवहारिक ज्ञान पर अधिक बल: डॉ शंभू कुमार यादव



राजेश कुमार वर्मा/महताब आलम
                       
 समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज) । मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप पर वीमेन्स कॉलेज, समस्तीपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ० शंभू कुमार यादव ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 स्पष्ट और विस्तृत है। इसमे शिक्षा की गुणवत्ता और व्यावहारिक पक्ष पर अधिक ज़ोर दिया गया है। सरकार को इसे ईमानदारी पूर्वक लागू करना चाहिए और समाज को भी सहयोग करना चाहिए। आईक्यूएसी, समन्वयक, डॉ॰ विजय कु॰ गुप्ता, संगोष्ठी विषय को प्रवेश कराते हुआ कहा कि सभी तक शिक्षा पहुंचाने के लिए शिक्षा नीति प्रारूप चार भागों और 23 अध्यायों में समेकित है। यह प्रारूप भारत केंद्रित शिक्षा प्रणाली कि कल्पना करती है। प्रो॰ बिंदा कुमारी अब तक कि सभी शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रारूप राष्ट्र के लिए बेहतर है। प्रो॰ सुनीता सिन्हा ने शिक्षा नीति से शोध के गुणवत्ता सुधार की उम्मीद जतायी । प्रो॰ शिउली भट्टाचार्य ने कहा कि प्रारम्भिक बाल्यावस्था सीखने कि बुनियाद है । इस पर सरकार को अधिक बल देना चाहिए। प्रो॰ नीता मेहता ने सुझाव दिया कि विद्यालय और महाविद्यालय में कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए। प्रो० बिगन राम ने कहा कि सबसे अधिक स्कूली शिक्षा पर ध्यान देने कि जरूरत है। डॉ॰ पूजा अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा में समानता स्थापित करने के लिए स्कूली स्तर से ही जाति व्यवस्था संप्त होनी चाहिए। इस मौके पर डॉ॰ शारदा सिन्हा, डॉ॰ रेणुका यादव , डॉ॰ किरण वाला सिंह, डॉ॰ अपराजिता कुमारी, डॉ॰ सोनी सलोनी, डॉ॰ आकांक्षा उपाध्याय आदि ने अपने अपने विचार और सुझाव रखे। 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live