राजेश कुमार वर्मा
रेल सवांद मिथिला हिन्दी न्यूज पूर्व मध्य रेल मंडल के समस्तीपुर जंक्शन सहित मिथिलाचंल के अन्य रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर मिनरल वाटर बोतल में नॉर्मल वाटर भरकर बिक्री करने का कारोबार शुरू हो गया है। रेल यात्रियों को यात्रा के दौरान प्यास लगते ही यात्री मिनरल वाटर की बोतल खरीदते हैं और फिर पानी पीने के बाद उस बोतल को फेंक देते है। बताया जाता है की
उसी मिनरल वाटर बोतल को एकत्रित कर उसी फेंके गए बोतल में फिर से पानी पैक कर यात्रियों को बेचा जा रहा है। विदित हो कि दो महीने पूर्व इस खेल का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान त्रिपाठी ने आरपीएफ इंस्पेक्टर को इसे बंद कराने का आदेश दिया था।
लेकिन, कुछ महीने बीतने के साथ ही फिर से जूठे बोतल में पानी भरकर यात्रियों के बीच बेचने का कारोबार तेज हो गया है। पत्रकार की टीम ने मंगलवार को जंक्शन पर रेल व्यवस्था की जांच की। स्टेशन पहुंचते ही देखा कि प्लेटफॉर्म संख्या एक पर दोनों दिशा के अंतिम छोर पर पानी बोतल सील करने का काम खेल चल रहा है।
जहां पर बाल्टी और बोरा में पानी बोतल रखकर बेचा जा रहा था। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ही आरपीएफ पोस्ट भी है।
बावजूद इसके इस तरह का खेल खुलेआम चल रहा है। यात्री एक बोतल पानी 15 रुपये में खरीद रहे थे। दरभंगा जाने के लिए यात्रा करने पहुंचे सुनील कुमार,संजय कुमार, मो० कलावती देवी इत्यादि यात्रियों ने पानी की बोतल खरीद एक घूंट गले में उतारी ही कि उन्हें अहसास हो गया कि वो ठगे गए हैं। जिस कंपनी का उन्होंने पानी लिया था, वो फ्लेवर्ड पानी होता है जबकि वो एकदम नॉर्मल पानी था। ढक्कन और उस पर लगे सील को ध्यान से देखा तो उन्हें सब समझ में आ गया की बोतल में नॉर्मल पानी बेचा जा रहा है।यात्रा के दरमियान यात्री कुछ बोल भी नहीं सकते है जिससे की बात आगे बढ़ जाऐ। मजबुरण यात्रियों को नॉर्मल पानी मिनरल वाटर के नाम पर पीने को मजबूर होना पड़ जाता है।
रेल सवांद मिथिला हिन्दी न्यूज पूर्व मध्य रेल मंडल के समस्तीपुर जंक्शन सहित मिथिलाचंल के अन्य रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर मिनरल वाटर बोतल में नॉर्मल वाटर भरकर बिक्री करने का कारोबार शुरू हो गया है। रेल यात्रियों को यात्रा के दौरान प्यास लगते ही यात्री मिनरल वाटर की बोतल खरीदते हैं और फिर पानी पीने के बाद उस बोतल को फेंक देते है। बताया जाता है की
उसी मिनरल वाटर बोतल को एकत्रित कर उसी फेंके गए बोतल में फिर से पानी पैक कर यात्रियों को बेचा जा रहा है। विदित हो कि दो महीने पूर्व इस खेल का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान त्रिपाठी ने आरपीएफ इंस्पेक्टर को इसे बंद कराने का आदेश दिया था।
लेकिन, कुछ महीने बीतने के साथ ही फिर से जूठे बोतल में पानी भरकर यात्रियों के बीच बेचने का कारोबार तेज हो गया है। पत्रकार की टीम ने मंगलवार को जंक्शन पर रेल व्यवस्था की जांच की। स्टेशन पहुंचते ही देखा कि प्लेटफॉर्म संख्या एक पर दोनों दिशा के अंतिम छोर पर पानी बोतल सील करने का काम खेल चल रहा है।
जहां पर बाल्टी और बोरा में पानी बोतल रखकर बेचा जा रहा था। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ही आरपीएफ पोस्ट भी है।
बावजूद इसके इस तरह का खेल खुलेआम चल रहा है। यात्री एक बोतल पानी 15 रुपये में खरीद रहे थे। दरभंगा जाने के लिए यात्रा करने पहुंचे सुनील कुमार,संजय कुमार, मो० कलावती देवी इत्यादि यात्रियों ने पानी की बोतल खरीद एक घूंट गले में उतारी ही कि उन्हें अहसास हो गया कि वो ठगे गए हैं। जिस कंपनी का उन्होंने पानी लिया था, वो फ्लेवर्ड पानी होता है जबकि वो एकदम नॉर्मल पानी था। ढक्कन और उस पर लगे सील को ध्यान से देखा तो उन्हें सब समझ में आ गया की बोतल में नॉर्मल पानी बेचा जा रहा है।यात्रा के दरमियान यात्री कुछ बोल भी नहीं सकते है जिससे की बात आगे बढ़ जाऐ। मजबुरण यात्रियों को नॉर्मल पानी मिनरल वाटर के नाम पर पीने को मजबूर होना पड़ जाता है।