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समस्तीपुर की जनता को मिला खूली छूट जिला पुलिस प्रशासन को पीटने का



समस्तीपुर की जनता अब किसी भी पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मार सकती है वह भी रात के अंधेरे में नहीं ,दिन के उजाले में बंद कमरे में नहीं, वह भी बीच बाजार में

थप्पड़ मारने के बाद थाना पर आपका स्वागत होगा साथ में जलपान उसके बाद पुलिस आपको इज्जत के साथ घर पर छोड़ने आएगी ना ही पुलिस केस होगा ना ही कोई कार्यवाही 


 ब्यूरो राजेश कुमार वर्मा संग नौशाद वारसी

समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) ।हादलाइन से आपको कुछ समझ नहीं आ रहा होगा पर कुछ अजीबोगरीब पुलिस के करनामे से  समस्तीपुर की युवा जनता के लिए खूशखबरी है ..जी..?? समस्तीपुर की जनता अब किसी भी पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मार सकती है वह भी रात के अंधेरे में नहीं ,दिन के उजाले में बंद कमरे में नहीं, वह भी बीच बाजार में बीच सड़क पर थप्पड़ मारने के बाद थाना पर आपका स्वागत होगा साथ में जलपान उसके बाद पुलिस आपको इज्जत के साथ घर पर छोड़ने आएगी ना ही पुलिस केस होगा ना ही कोई कार्यवाही ऐ एक सच्चा उदाहरण है। हां जी आप जो पढ़ रहे हैं यह बिल्कुल सच है शनिवार २० जुलाई को ताजपुर रोड समस्तीपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष माननीय रामसुमरन सिंह जी के सुपुत्र सोनू कुमार कार से आ रहे थे इसी दौरान पिक अप भान में कार सट जाने के कारण विवाद शुरू हो गया वहीं बीच सड़क पर सोनू कुमार हंगामा करने लगा सड़क जाम जैसी समस्या उत्पन्न हो गई।
 इसी दौरान शंभू पट्टी की ओर से लौट रहे पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन की नजर हंगामे पर पड़ी। पुलिस अधीक्षक की सूचना पर तुरंत मुफस्सिल पुलिस मौके पर पहुंची और बीच बचाव करने लगी इसी दौरान सोनू ने दरोगा शाहबाज आलम पर हाथ चला दिया जिससे उनके गर्दन के पास जख्म हो गया ।
 इसके बाद थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य के साथ भी हाथापाई की दिन के उजाले में जनता तमाशबीन बनकर देखती रही इसके बाद सोनू और कार को साथ लेकर पुलिस थाने ले आई ।
भाजपा के जिलाध्यक्ष रामसुमरन सिंह अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक वरीय नेताओं को इस संबंध में जानकारी दे दी।
इसके बाद वरीय नेताओं का फोन पुलिस अधिकारियों के पास आने लगे ।
लगातार फोन आने के बाद पुलिस सोनू कुमार को छोड़ देती है, इस घटना की कोई प्राथमिकी दर्ज पुलिस नहीं करती है ।
सरकार
पुलिस प्रशासन का यह दृश्य देखकर सरकार पर सवाल खड़ा करती है , बीच में पुलिस पर थप्पड़ मारा और सरकार प्रशासन कुछ नहीं कर पाई ।
समस्तीपुर नगर विधायक श्री अख्तरुल इस्लाम शाहीन जी की चुप्पी से जनता हताश है, हर मुद्दे पर बोलने वाला विधायक इस मुद्दे पर आखिर चुप क्यों हैं ।


मीडिया पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्यशैली पर सवाल उठती रही है प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आखिर इस घटना पर एक शब्द भी क्यों नहीं लिखा ना बोला ।समस्तीपुर की मीडिया की चुप्पी शोषण दमन करने वाली व्यक्ति के साथ खड़ी है ।समस्तीपुर की जनता को धन्यवाद देना होगा उन प्रतिनिधियों को जो जूल्म करने वाले का साथ दिया करते ।
 संगठन
पुलिस संघ, पुलिस संगठन, पुलिस एसोसिएशन, पुलिस अधीक्षक की चुप्पी एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के दिल पर चोट व्यक्ति करती है यह घटना।
आखिरी ऐसी घटना पर एक शब्द बोलता क्यों नहीं है कोई ।
बुद्धिजीवी वर्ग
अपने आप को बुद्धिजीवी वर्ग कहने वाले लोग विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की चुप्पी आम जनता और युवाओं के मुंह पर ताला लटक गई है ।
सिर्फ सीमा पर तैनात जवानों पर राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति दिखाने वाले लोग बिहार पुलिस पर भी मानवता के नाते देशभक्ति , राष्ट्रभक्ति का सबूत दे और अपना विरोध प्रकट करें ।
पुलिस की कार्यशैली
हमेशा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता रहा है आम जनता कभी भी सभी पुलिस पर सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता है ।
०५ % ईमानदार पुलिस है जिसके भरोसे पूरा बिहार चलती है । ९५% बिहार पुलिस भ्रष्ट है जो देश को कमजोर कर रही है ।
पूंजीपति वर्ग और गरीब
हमारे भारत में विभिन्न सरकारी संस्थानों पर पूंजीपति वर्ग के लोगों का आधिपत्य चलता है । उनके हिसाब से कार्य का संचालन किया जाता है ।
आम जनता गरीब पर अत्याचार शोषण करती है , और अमीर पर दया, साथ, सम्मान करती है । यही बिहार पुलिस की रीत है ।
नेता की नैतिकता
इस अपराध में साथ देना जिला से लेकर प्रदेश तक वरीय नेताओं का यह साबित करती हैं नेताओं में नैतिकता दूसरों के लिए होती है अपनों के लिए सब अपराध माफ है, यह नेताओं का घोर अपराध है ।
बीच बाजार में शर्मशार हुआ
नेता का बेटा बदनाम हुआ
बिहार की जनता को समझना चाहिए पूंजीपति वर्ग के लोग , नेता इस देश के सभी सरकारी संस्थानों पर कब्जा जमाए हुए हैं, उनके हिसाब से सभी कुछ चलता है । आम जनता गरीब पर सभी नियम लागू होते हैं ।
और आमिर पर सभी नियम उनसे पूछ कर के ही लागू की जाती है या लगाया जाता है ।सोनू कुमार पर प्राथमिकी दर्ज ना होना सरकार और प्रशासन की विफलता है ।यह घटना देखकर गरीब और अमीर में फर्क समझा जाती है ।

पुलिस को थप्पड़ मारा है
नेता का बेटा कहलाया है

सोनू कुमार के जगह पर आज कोई गरीब का बेटा होता तो पुलिस पहले उसे कुटती फिर उसे जेल भेजती , प्राथमिकी दर्ज कर विभिन्न प्रकार के धारा लगा देती । सैनिकों के लिए सम्मान , पुलिस को करो अपमान । जाग उठा है गरीब का संतान , कोई नहीं कहेगा यह दास्तान ।


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