राजेश कुमार वर्मा/धर्मविजय गुप्ता
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज) । समस्तीपुर जिले के खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने स्थापना के साथ ही पिछले कई वर्षो से संचालित हो रहा है। यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि करोड़ो रुपये खर्च कर बनाए जाने के बाद भी पीएचसी में आखिर क्यों मरीजों को गंदगी के बीचों बीच खुले फर्श पर ऑपरेशन कर लेटा दिया जाता है। इन स्वास्थ केंद्र के चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राजस्व का लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार बिहार राज्य भवन निर्माण विभाग द्वारा भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरु हुई। जिसे बनकर तैयार होने के बाद भी लंबी अवधि में एपीएचसी को नए भवन में स्थानांतरित नहीं किया जा सका।
लिहाजा आज यह अस्पताल भवन लावारिस पशु के शरण स्थली एवं गांव के कुछ लोगों के निजी इस्तेमाल की चीज साबित हो रही है।
आपको बता दूं कि खानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई दिनों से छोटी ऑपरेशन का कार्यक्रम चल रहा है। जो अगले कई दिनों तक चलेगा लेकिन अस्पताल की स्थिति इस प्रकार बिगड़ चुकी है मानो न वहां किसी मरीज को नहीं एक स्वस्थ व्यक्ति को कचरे में सुला दिया गया हो। आए दिन डिलीवरी पेशेंट को ऑपरेशन कर खुले फर्श पर जिंदगी और मौत के बीच में सुला दिया जाता है । जिसके कारण मरीजों को बहुत बड़ी बीमारियां होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है वही जब हमारे संवाददाता अस्पताल पहुंचकर जानकारी लेते हुए डॉक्टर से मिलना चाहे तो मौके पर किसी डॉक्टर को नहीं उपस्थित पाया ।कुछ एएनएम ने बतायी कि डॉक्टर साहब कुछ देर पहले ही निकले हैं फिलहाल जिस डॉक्टर को 4:00 बजे शाम से लेकर सुबह 8:00 बजे तक ड्यूटी करना है वह डॉक्टर भी अनुपस्थित देखें गये। जिस डॉक्टर का नाम डॉक्टर प्रमोद कुमार बताया गया है आखिर क्या कारण है के लोगों को ऑपरेशन कर बेड रहने के बावजूद भी बाहर खुले फर्श पर गंदगी में सुला दिया जाता है हैरत की बात यह है कि इतनी बड़ी अस्पताल होने के बाद भी कोई डॉक्टर उपस्थित नही पाये गये। जिसके चलते भर्ती मरीज की हालत नाजुक होने पर परिजनों को बाहरी डाक्टर का सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ता हैं।