किसानों को उन्नत किस्मों के खरीफ एंव रबी फसलों की बुआई के लिए उपलब्ध - कुमार कांत सिंह
राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र पूसा के अध्यक्ष कुमार कांत सिंह द्वारा भा०कृ०अ० प के सभागार में पूसा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के किसानों एंव जनप्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित किया गया ।उक्त बैठक में क्षेत्रीय केन्द्र पूसा के अध्यक्ष के अलावे प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश रौशन , संजय कुमार त्रिवेदी जि० पार्षद सह अध्यक्ष मुखिया संघ पूसा, राज सिंह , मुखिया सुरज कुमार सुरज , मालीनगर पंचायत के पूर्व मुखिया विजय शर्मा , रेहाना खातून पूर्व जि०पार्षद , मुखिया गीता देवी , पप्पू कुमार , मो० जाकिर हुसैन , भाजपा कार्यकर्ता उदय कुमार शर्मा , टेक्निकल कर्मचारी मीरा पाण्डेय ,नुतन देवी, चंदन कुमार इत्यादि सहित दर्जनों लोगों ने अपनी अपनी बातें रखा । उक्त बैठक को संवोधित करते हुऐ क्षेत्रीय केन्द्र पूसा के प्रबंध निदेशक कुमार कांत सिंह ने उपस्थित जनसमूह को कहा कि कृषि अनुसंधान केन्द्र नई दिल्ली के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सतेन्द्र कुमार द्वारा निदेशक के हवाले से सूचना दिया गया है की क्षेत्रीय केंद्र पूसा स्थित पोस्ट ऑफिस चौक से बोस कम्पनी चौक तक सड़क की मरम्मती विधायक/सांसद के मद से की जाती है तो कृषि अनुसंधान संस्थान को कोई आपत्ति नहीं है साथ ही यह भी कहा गया है की मरम्मत के कारण सड़क पर मालिकाना हक भा० कृ० अ० संस्थान क्षेत्रीय केंद्र पूसा बिहार का पूर्वतः बना रहेगा साथ ही इसके संबंध में किसी भी प्रकार का निर्णय संस्थान की सहमति से लिए जाएंगे इसलिए इस पत्र की प्रति लिपि को आगे की कार्यवाही हेतू प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश रौशन को सुपूर्द किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जबसे मेरा पदस्थापन यहां हुआ है कईक बदलाव किया गया है।कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा परेशान करने की कोशिश भी की गई लेकिन उसमें सफलता मिली पदग्रहण के बाद की उपलब्धियां बताते हुए कहा की वर्तमान खरीफ में बुआई हेतू धान की उन्नत किस्म राजेंद्र सुवासिनी, पूसा सुगंधा-०५ , पी.एन.आर. ३८१ , राजेंद्र स्वेता , सी.ओ.आर. ५१ , सुभाषिनी , प्रभात फसलों की बीज वहीं अरहर की पूसा ०९ , तम्बाकू पी.टी. ७६ , मूंग की उन्नत किस्म पूसा विशाल की उन्नत किस्म की बीज का उत्पादन किया जा रहा है।वहीं वर्तमान रबी की फसल बुआई हेतू गेहूं का एच.डी. २९६७, २७३३, २८२४, ३१७१, २८८८, ३११८, २९८५ एच.आई. १६१२ , १६६३ जैसी उन्नत किस्म की बीज का उत्पादन किया जा रहा है वहीं मसूर पूसा वैभव ,पूसा अगेती मसूर एल ४७१७ , पूसा शिवालिक जैसी उन्नत किस्म के बीज का पैदावार किया जा रहा है ।तेलहन में सरसों (तोड़ी) की कई भेराईटियों में पूसा तारक , पूसा विजय , पूसा गोल्ड , पूसा २५/२६, २७/२८ बीज का उत्पादन किया जा रहा है।सब्जियों, फूलों एंव फल वृक्ष के बीजों में गाजर की पूसा रुचिरा, मूली की पूसा चेतकी , सलजम की पूसा स्वीटी , पालक की पूसा भारती , ऑलमीन , मेथी की पी.ई.वी., सागवाली सरसों की पूसा-०१ , मटर की पूसा बी ,पूसा प्रगति , टमाटर की पूसा रोहिणी, प्याज की पूसा रेड, पूसा सिद्धि, गेन्दा फुल की किस्मों में पूसा बसंती, पूसा नारंगी , मसाला में मिर्च पूसा सदाबहार, बैंगन की पूसा श्यामला, पूसा उत्तम, भिन्डी की ए-०४, लौकी की पूसा संतुष्टी, कद्दू की पूसा विश्वास, करैला की पूसा औषधि, तोरई (नेनुआ) की पूसा स्नेहा, चौलाई की पूसा लाल चौलाई, पपीता की पूसा डर्बाफ , आम की आम्रपाली, अरूनिया एंव मल्लिका एंव लीची की शाही एंव चाईना और नींवू की कागजी कलौं जैसी उन्नत किस्म की बीज का उत्पादन कर किसानों को अच्छी पैदावार बढ़ाने के लिए सार्वजनिक दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों को वर्तमान समय में बुआई कैसे करें की जानकारी देते हुए कहा की यदि बरसात के समय में वर्षा कम होने पर किसान क्या करे या बाढ़ आने के बाद क्या कर सकते है और कौन सी फसल कम समय में पकने वाले है वहीं लगाए जैसे की मूली ,पालक मुख्य है उसी प्रकार जिस फसल में कृषकों को अच्छी आय होगी मटर ( ५० दिन ), धनिया , सरसों , गेंदा के फुल की बुआई कर सकते है ।खरीफ में नगदी फसल तम्बाकू की प्रजाति पी.टी. - ७६ अधिक उपज एंव अच्छी गुणवत्ता और शुद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं ।संपूर्ण उत्तर बिहार के किसानों को केवल इसी संस्थान द्वारा इस प्रजाति की बीज की प्राप्ति होती हैं।वर्तमान में मौसम में परिवर्तन के कारण अल्प अवधि में पकने वाली धान की उत्तम प्रजाति के बीज किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा की किसानों को नई नई प्रजातियों के बीज की बुआई के प्रभाव दिखाने के लिए एफ.एल.डी. किया जा है ।