राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर(मीडिया दर्शन कार्यालय)।मॉब लिंचिंग के विरुद्ध वतन विकास संगठन के नेतृत्व में कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने चीनी मील चौक से समाहरणालय तक अवामी रैली निकाल मॉब लिंचिंग के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया।
देश में बढ़ती सांप्रदायिकता एंव रोज रोज की मॉब लिंचिंग की घटनाओं के विरोध में वतन विकास संगठन द्वारा आयोजित अवामी रैली को बड़ी सफलता मिली है, जिसमें हजारों लोगों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों एंव सामाजिक संगठनों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी शक्ति संगठन एंव बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।उक्त रैली में एक मत से वक्ताओं ने कहा की भारत सरकार को सांप्रदायिकता एंव मॉब लिंचिंग जैसी देशद्रोही घटनाओं को अविलंब रोकने की चेतावनी दिया साथ ही आगे कहा की इस प्रकार की घटनाओं से देश टुट और कमजोर हो रहा है एंव देश आज गृह युद्ध की राह पर जा रहा है।जिसको रोकने की सख्त जरूरत है।
रैली के संयोजक एंव वतन विकास संगठन के सुप्रीमो वरीय अधिवक्ता अंजारुल हक " सहारा " ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में रैली में शामिल लोगों को कहा की देश में आज जंगल राज कायम हो गया है।देश के गुण्डे मवाली जो चाहते हैं ,करते हैं उसमें पुलिस का समर्थन भी उन्हीं लोगों को मिलता है जो काफी खेदजनक बात है।उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति एंव समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्ध की जा रही हिंसक घटनाओं के पीछे मोदी सरकार की मौन सहमति दिखाई देती है या फिर मोदी जी एक कठपुतली प्रधानमंत्री हैं , जिनका रिमोट कंट्रोल किसी दूसरे के हाथ में है ऐसा ही लगता है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि देश का प्रधानमंत्री किसी घटना को रोकना चाहेगा तो उस तरह की घटना नहीं घट सकती है।
मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की धर्म के नाम पर की गई हत्या में अपराधियों के अलावा पुलिस एंव डॉक्टर की भुमिका भी काफी संदेह के घेरे में है जिसकी सी० बी० आई से जांच होनी चाहिये।
श्री सहारा ने आगे कहा कि मॉब लिंचिंग जैसे अपराध को राष्ट्र द्रोह एंव राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अधीन इस प्रकार की घटना को लाकर सख्त सजा देने की मांग किया।इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए मोदी सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है अन्यथा लोग स्वयं कानून को अपने हाथ में लेकर इन देशद्रोहियों को सजा देने का काम करेगी।उन्होंने आगे कहा की सरकार तो आती जाती रहेगी, लेकिन देश बचा के रखना हम सब की पहली जिम्मेदारी है।
इस अवामी रैली में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, सीपीएम (माले), भीम आर्मी सेना, बामसेफ, गुरुद्वारा, चर्च, जमीअतुल ऊलमांए हिंद ,एम आई एम, बिहार युथ फेडरेशन इत्यादि राजनीतिक एंव गैर राजनीतिक दलों के सदस्यों एंव अध्यक्षों ने अपना अपना विचार एक सूर में व्यक्त करते हुए कहा की अल्पसंख्यक समुदायों तथा अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति तथा गरीब तबके लोगों एंव सरकार के विपक्षी दलों के विरुद्ध की जा रही घटनाओं को अविलंब रोकने की बात उठाई । रैली सभा में मौजूद अन्य वक्ताओं ने इस बिन्दु पर जोर डाला की देश के प्रजातंत्र तथा धर्म निरपेक्ष छवि हर हाल में बहाल रखने की मांग केंद्र व राज्य सरकार से किया है।