बाढ़ पूर्व तैयारी के अभाव में जान माल की भारी क्षति और सैकड़ों करोड़ की सम्पत्ति की क्षति हुई है -धीरेन्द्र
राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज) । मिथिलांचल में बाढ़ से मची भारी तबाही का जायज़ा लेने आये भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम के नेतृत्व में एक टीम दरभंगा ज़िला के अलीनगर, किरतपुर, घनश्यामपुर, तारडी, गौरबौराम, बिरौल, मनीगाछी और मधुबनी ज़िला के पंडौल, झंझारपुर अनुमंडल के कई प्रखंडों का दौरा करते हुए आज समस्तीपुर में बाढ की स्थिति एवं बाढ पूर्व तैयारी का जायजा लेने के बाद समस्तीपुर के सर्किट हाऊस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बाढ से भारी तबाही मची हुई है। कई जगहों पर जर्जर तटबन्ध और भी टूटने की आशंका से लोग रतजगा कर रहे हैं।तटबंधों को बचाने में ग्रामीण लगे हैं लेकिन कहीं सरकारी महकमा नही दिख रहा है। प्रशासन के जरिये जो कम्युनिटी किचन चलाये जा रहे हैं वो नाकाफी है। लोगों को खासकर बच्चे-बच्चीयों को भूखे रहना पड़ रहा है। सकरी से लेकर झंझारपुर - निर्मली तक दासियों हज़ार लोग एन एच 57 पर माल मवेशी के साथ शरण लिए हुए हैं। उन्हें प्लास्टिक सीट, मवेशी चारा, पानी, और चूड़ा गुड़ तक नही मिला है। सैकड़ों गांव पानी मे डूबा हुआ है अथवा घिरा हुआ है, लोग टीला अथवा पक्का मकान वाले घरों पर शरण लिए हुए हैं। नाव के लिए अफरातफरी मची हुई है। कहीं कोई सरकारी नाव नही चल रहा है। गांव वाले को नाव नही मिल रहा है।सरकार ने बाढ़ पूर्व न तो नाव बनवाया और न ही खरीदा।सबकुछ प्राइवेट नाव के सहारे चल रहा है। नाव चलाने के क्रम में कई जगहों पर लोग मरे हैं क्योंकि पानी से भींगा लग्गा ऊपर खुले बिजली तार से सट जा रहे हैं।सांप काटने से बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हो रही है।उन्होंने बचाव और राहत कार्य मे तेज़ी लाने की मांग सरकार से की है। उन्होंने उत्तर बिहार के एनएच 57 पर जगह-जगह मेडिकल कैम्प खोले जाने की मांग की।
इस मौके पर बोलते हुए माले के पोलिटिकल ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि रासियारी पुल के नीचे केवट और डोम जाति के लगभग 55 परिवार पानी मे फंसे हैं,उन्हें अभीतक कोई सुविधा नही मिली है।रासियारी, बौर, ककोढ़ा आदि दर्जनों गांव की स्थिति भयावह है।कोरथु, पुन्हाद आदि गावों में तटबन्ध पर दबाव बना हुआ है।माले नेता ने कहा कि इसके साथ ही हायाघाट, हनुमाननगर, सिघवाड़ा, जाले आदि प्रखंडों के दर्ज़नो पंचायत बुरी तरह प्रभावित है।बहादुरपुर, सदर, केवटी, बहेड़ी के भी कुछेक पंचायतों पर दबाव है। उन्होंने इन इलाकों में भी कम्युनिटी किचन शुरू करने की मांग की है।उन्होंने प्रशासन को आगाह किया है कि बागमती नदी में सरैया - रतनपुरा पर दबाव बना हुआ है।लोग भारी संख्या में रेलवे प्लेटफॉर्म, ऊंचे टीले और सड़कों पर शरण लिए हुए हैं। जिन्हें तत्काल प्लास्टिक सीट और चूड़ा गुड़ मिलना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि दरभंगा जेल में एक नौजवान कैदी की मौत बहुत ही दुःखद और सन्देहहास्पद है। जेल प्रशासन जबाबदेही से बच नही सकता।
श्री झा ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और इस मोर्चे पर आयोजित नागरिक पहल का समर्थन करने की घोषणा की।उन्होंने आगे कहा कि सभी जगहों से बाढ का पानी गुजरते हुए समस्तीपुर होकर क्रास करेगी।इससे यहाँ भी बाढ की स्थिति गंभीर होने की संभावना है। भाकपा माले के कार्यकर्ता बाढ़ पीड़तों के बचाव और राहत कार्य में पूरी तरह जुटे हैं और जनसहयोग से जरूरतमंदों के बीच प्रत्यक्ष राहत भी चलाएंगे। माले नेता ने कहा कि पूरा उत्तर बिहार और खासकर मिथिलांचल बुरी तरह प्रभावित है।बाढ़ पूर्व तैयारी नही करने की वजह से स्थिति और विकराल बना है। तटबंधों के टूटने और तटबंधों की मरम्मति में हुए भारी घोटाला की जांच सरकार को न्यायिक स्तर पर करानी चाहिए। उन्होंने तटबंधों के दबाव स्थलों की सुरक्षा और मरम्मति में ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर शामिल करने और मनरेगा से उन्हें पारिश्रमिक भुगतान करने की सलाह सरकार को दी है। उन्होंने इस बात का ऐलान किया कि हमारी पार्टी के लोग एक सप्ताह तक सरकार और प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे बचाव और राहत कार्य मे ततपरता के साथ मदद करेंगे और जमीनी सूचना से प्रशासन को अवगत कराएंगे। इसके बाद अगर अपेक्षित पहल नही होता है,तब बाढ़पीड़ितों को लेकर जुझारू आंदोलन शुरू करेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि सरकारी पार्टी के सांसदों-विधायको का बाढ़ पीड़ितों के बीच नही जाना और इस गंभीर मुद्दे के प्रति असंवेदनशीलता दिखलाना मिथिलांचल वासियो को रास नही आ रहा है। मौके पर माले के जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार, अमित कुमार, जीवछ पासवान, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, मो० सरफराज अहमद,राजकुमार चौधरी, आइसा के सुनील कुमार आदि मौजूद थे।