राजेश कुमार वर्मा/अमरदीप कुमार
बिथान/समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज । समस्तीपुर जिले के बिथान प्रखंड के चार पंचायतों में फैला बाढ़ का पानी उन गांवों में प्रमुख बेलसंडी, नरपा, सलहा बुजुर्ग व सलहा चंदन पंचायत के एक दर्जन से अधिक गांवों में निचले हिस्से में १०० से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। घरों में बाढ़ के पानी के प्रवेश करने से लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थलों की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ पीड़ित परिवार वाटरबेज बांध व सलहा - चिरौटना घाट पर मवेशियों के साथ शरण लेने को विवश हैं। इन चार पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कों पर बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण आवाजाही ठप सी हो गई है। एक गांव से दूसरे गांव सहित मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए अब केवल नाव ही सहारा है। करेह व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे बढ़ोतरी से बाढ़ के पानी में घास के डूब जाने से मवेशियों के चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। सूखे भूसे से हरी घास की भरपाई की जा रही है। इधर वाटरबेज बांध में ठठेरवा के निकट स्लुइस गेट से नदी के पानी के रिसाव होने से लोगों के मन में और अधिक भय उत्पन्न हो गया है। इस विकट स्थिति के बाद भी प्रशासनिक तौर पर कोई पहल नहीं किए जाने से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश है। बताया जाता है कि प्रखंड के सलहा चिरौटना, कुंआ, लाद कपस्या, सलहा चंदन आदि गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह है। सीओ राजीव रंजन के नेतृत्व में पदाधिकारियों का एक जत्था बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
बिथान/समस्तीपुर (मिथिला हिन्दी न्यूज । समस्तीपुर जिले के बिथान प्रखंड के चार पंचायतों में फैला बाढ़ का पानी उन गांवों में प्रमुख बेलसंडी, नरपा, सलहा बुजुर्ग व सलहा चंदन पंचायत के एक दर्जन से अधिक गांवों में निचले हिस्से में १०० से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। घरों में बाढ़ के पानी के प्रवेश करने से लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थलों की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ पीड़ित परिवार वाटरबेज बांध व सलहा - चिरौटना घाट पर मवेशियों के साथ शरण लेने को विवश हैं। इन चार पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कों पर बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण आवाजाही ठप सी हो गई है। एक गांव से दूसरे गांव सहित मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए अब केवल नाव ही सहारा है। करेह व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे बढ़ोतरी से बाढ़ के पानी में घास के डूब जाने से मवेशियों के चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। सूखे भूसे से हरी घास की भरपाई की जा रही है। इधर वाटरबेज बांध में ठठेरवा के निकट स्लुइस गेट से नदी के पानी के रिसाव होने से लोगों के मन में और अधिक भय उत्पन्न हो गया है। इस विकट स्थिति के बाद भी प्रशासनिक तौर पर कोई पहल नहीं किए जाने से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश है। बताया जाता है कि प्रखंड के सलहा चिरौटना, कुंआ, लाद कपस्या, सलहा चंदन आदि गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह है। सीओ राजीव रंजन के नेतृत्व में पदाधिकारियों का एक जत्था बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।