राजेश कुमार वर्मा संग धर्मविजय गुप्ता
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज) समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड के भोरे शाहपुर पंचायत में स्थित राजमणि +2 उच्चविधालय के शिक्षकों एंव विधार्थियों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विधायक प्रांगण में ही शिक्षाधिकारियों के खिलाफ धरना पर बैठे। मिली जानकारी के अनुसार भोरे शाहपुर पंचायत में प्लस टू +2 राजमणि उच्च विद्यालय स्थापित है जहां क्लास 9 से लेकर 12वीं तक की बच्चें - बच्चियाँ पढ़ने के लिए दूरदराज के गांवों से आते हैं जहाँ छात्र एवं छात्राओं को पठन-पाठन का कार्य कराया जाता है आपको बताते चलें कि अभी बच्चों का रजिस्ट्रेशन, फॉर्म भरने एवं एडमिशन को लेकर बच्चों की भीड़ काफी हो रही है जहां हजारों बच्चे विद्यालय पहुंचते है। लेकिन दिनांक 04/07/2019 को एक छात्रा की साइकिल चोरी हो जाने के बाद विद्यालय में मानों पहाड़ सा टूट गया हो जिसको लेकर गांव के कुछ शरारती छात्रों ने आपस में ही छात्रों के साथ तु तु मै मै करने लगा और विवाद इतना बढ़ गया की जिसको लेकर लोग मार पीट पर उतर गये।इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने भी छात्रों पर फट्टा बर्शाना चालू कर दिया।तब बीच बचाव करने शिक्षक आये तो उन्हे भी लोगों ने डाट फटकार कर भगा दिया।किसी तरह बीच बचाव करते हुए कुछ छात्रों को विद्यालय में हीँ सुरक्षा कि दृस्टी से रोक लिया गया ।झगड़ा शान्त होने के बाद छात्रों को घर जाने के लिये छोड़ दिया गया।इसकी लिखित सूचना विद्यालय के प्रधानाचार्य ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को देते हुये आज सभी शिक्षक अपने नियत समय पर विद्यालय पहुंचकर विद्यालय के क्लास रूम का ताला बिना खोले हीं ऑफ़िस के बरामदे पर चादर बिछाकर अपनी सुरक्षा को लेकर धरना पर बैठ गये। उन्के साथ साथ छात्र-छात्राएं भी अपनी सुरक्षा को लेकर धरना पर बैठ गए । जहाँ कुछ शरारती तत्व विद्यालय के इर्द-गिर्द घूमते नजर आया ।
इसको लेकर विद्यालय के प्रधानाचार्य शत्रुघ्न महतो का बताना है कि आए दिन विद्यालय में कुछ शरारती तत्वों के द्वारा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट की घटनाएं घटती रहती है जिससे मजबूर होकर हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी को हमने सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवेदन दिया है और आज हमने अपने समस्या को लेकर विद्यालय का कार्य बन्द कर विद्यालय परिषर में हीं धरना पर बैठे हैं।जब तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हम सभी शिक्षक धरने पर बने रहेंगे। आपको बताते चलें कि कल एक बच्चे की साइकिल चोरी होने के बाद मारपीट पर लोग उतर गया जिससे वहां का माहौल अशांत हो गया था इसके बीच बचाव करने आए शिक्षकों पर भी लोगों ने प्रहार करना चाहा लेकिन जान बचाकर शिक्षक अपने ऑफिस की ओर निकल पड़े जिसकी लिखित सूचना प्रधानाध्यापक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से करते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर विद्यालय के बरामदा पर ही धरना पर बैठ गये। विद्यार्थियों का बताना है कि हम लोगों का क्लास नाइंथ टेंथ और 11वां का नामांकन एवं फॉर्म भरा रहा था जिसका आज अंतिम दिन है और विद्यालय बंद होने से हम लोगों का भविष्य अंधकार मय हो सकता है इसकी सूचना सभी पदाधिकारी को देने के बाद भी कोई भी पदाधिकारी समस्या के समाधान के लिए विद्यालय परिसर में नहीं पहुंचे।जहां विद्यार्थी के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों ने कुछ ग्रामीणों के कहने पर जान जोखिम में डाल विद्यालय की विधि व्यवस्था को चालू कर दिया अब देखना यह है कि इतनी बड़ी घटनाएं होने के बाद भी पदाधिकारी उस विद्यालय पर क्यों नहीं पहुंचे अगर आए दिन पुनह कोई घटनाएं होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होंगा। कौन शिक्षकों की रक्षा करेंगा। कौन इस विद्यालय की देखभाल करेंगा और कौन करेगा यहां आए हुए छात्र-छात्राओं की सुरक्षा। आखिर सूचना देने के बाद भी कोई वरीये पदाधिकारी या प्रशासनिक पदाधिकारी विद्यालय पर क्यों नहीं पहुंचे यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है ।
सूचना के बाद भी कोई पदाधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचे
जिससे शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं में दहशत का माहौल बना रहा
समस्तीपुर(मिथिला हिन्दी न्यूज) समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड के भोरे शाहपुर पंचायत में स्थित राजमणि +2 उच्चविधालय के शिक्षकों एंव विधार्थियों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विधायक प्रांगण में ही शिक्षाधिकारियों के खिलाफ धरना पर बैठे। मिली जानकारी के अनुसार भोरे शाहपुर पंचायत में प्लस टू +2 राजमणि उच्च विद्यालय स्थापित है जहां क्लास 9 से लेकर 12वीं तक की बच्चें - बच्चियाँ पढ़ने के लिए दूरदराज के गांवों से आते हैं जहाँ छात्र एवं छात्राओं को पठन-पाठन का कार्य कराया जाता है आपको बताते चलें कि अभी बच्चों का रजिस्ट्रेशन, फॉर्म भरने एवं एडमिशन को लेकर बच्चों की भीड़ काफी हो रही है जहां हजारों बच्चे विद्यालय पहुंचते है। लेकिन दिनांक 04/07/2019 को एक छात्रा की साइकिल चोरी हो जाने के बाद विद्यालय में मानों पहाड़ सा टूट गया हो जिसको लेकर गांव के कुछ शरारती छात्रों ने आपस में ही छात्रों के साथ तु तु मै मै करने लगा और विवाद इतना बढ़ गया की जिसको लेकर लोग मार पीट पर उतर गये।इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने भी छात्रों पर फट्टा बर्शाना चालू कर दिया।तब बीच बचाव करने शिक्षक आये तो उन्हे भी लोगों ने डाट फटकार कर भगा दिया।किसी तरह बीच बचाव करते हुए कुछ छात्रों को विद्यालय में हीँ सुरक्षा कि दृस्टी से रोक लिया गया ।झगड़ा शान्त होने के बाद छात्रों को घर जाने के लिये छोड़ दिया गया।इसकी लिखित सूचना विद्यालय के प्रधानाचार्य ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को देते हुये आज सभी शिक्षक अपने नियत समय पर विद्यालय पहुंचकर विद्यालय के क्लास रूम का ताला बिना खोले हीं ऑफ़िस के बरामदे पर चादर बिछाकर अपनी सुरक्षा को लेकर धरना पर बैठ गये। उन्के साथ साथ छात्र-छात्राएं भी अपनी सुरक्षा को लेकर धरना पर बैठ गए । जहाँ कुछ शरारती तत्व विद्यालय के इर्द-गिर्द घूमते नजर आया ।
इसको लेकर विद्यालय के प्रधानाचार्य शत्रुघ्न महतो का बताना है कि आए दिन विद्यालय में कुछ शरारती तत्वों के द्वारा विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट की घटनाएं घटती रहती है जिससे मजबूर होकर हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी को हमने सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवेदन दिया है और आज हमने अपने समस्या को लेकर विद्यालय का कार्य बन्द कर विद्यालय परिषर में हीं धरना पर बैठे हैं।जब तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हम सभी शिक्षक धरने पर बने रहेंगे। आपको बताते चलें कि कल एक बच्चे की साइकिल चोरी होने के बाद मारपीट पर लोग उतर गया जिससे वहां का माहौल अशांत हो गया था इसके बीच बचाव करने आए शिक्षकों पर भी लोगों ने प्रहार करना चाहा लेकिन जान बचाकर शिक्षक अपने ऑफिस की ओर निकल पड़े जिसकी लिखित सूचना प्रधानाध्यापक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से करते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर विद्यालय के बरामदा पर ही धरना पर बैठ गये। विद्यार्थियों का बताना है कि हम लोगों का क्लास नाइंथ टेंथ और 11वां का नामांकन एवं फॉर्म भरा रहा था जिसका आज अंतिम दिन है और विद्यालय बंद होने से हम लोगों का भविष्य अंधकार मय हो सकता है इसकी सूचना सभी पदाधिकारी को देने के बाद भी कोई भी पदाधिकारी समस्या के समाधान के लिए विद्यालय परिसर में नहीं पहुंचे।जहां विद्यार्थी के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों ने कुछ ग्रामीणों के कहने पर जान जोखिम में डाल विद्यालय की विधि व्यवस्था को चालू कर दिया अब देखना यह है कि इतनी बड़ी घटनाएं होने के बाद भी पदाधिकारी उस विद्यालय पर क्यों नहीं पहुंचे अगर आए दिन पुनह कोई घटनाएं होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होंगा। कौन शिक्षकों की रक्षा करेंगा। कौन इस विद्यालय की देखभाल करेंगा और कौन करेगा यहां आए हुए छात्र-छात्राओं की सुरक्षा। आखिर सूचना देने के बाद भी कोई वरीये पदाधिकारी या प्रशासनिक पदाधिकारी विद्यालय पर क्यों नहीं पहुंचे यह बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है ।